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स्वीडन का एक शहर, भारत के जोशीमठ जैसा जिसका हाल, जहां के लोग-इमारतें नए शहर में शिफ्ट होंगी

Northern Sweden City Kiruna Shifting Update: भारत के जोशीमठ शहर का हाल सभी ने देखा और जाना, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक और शहर है, जिसका हाल जोशीमठ जैसा हो गया है। जी हां, यह शहर स्वीडन में है, जिसका नाम किरुना है। इस शहर में करीब 18 हजार लोग रहते […]

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Sep 22, 2023 09:07
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Northern Sweden City Kiruna
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Northern Sweden City Kiruna Shifting Update: भारत के जोशीमठ शहर का हाल सभी ने देखा और जाना, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में एक और शहर है, जिसका हाल जोशीमठ जैसा हो गया है। जी हां, यह शहर स्वीडन में है, जिसका नाम किरुना है। इस शहर में करीब 18 हजार लोग रहते हैं और यहां कई ऐतिहासिक इमारतें भी हैं, जिन्हें अब शिफ्ट किया जा सकता है। इसे पूरे स्वीडिश शहर को किसी दूसरी जगह ले जाया जा रहा है।

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2016 में धंसने लगा था किरुना शहर

दरअसल, इस शहर में दुनिया की सबसे बड़ी कच्चे लोहे की खदान है, जहां से पिछले 40 सालों से लगातार सोना निकाला जा रहा है। इस खनन के कारण ही शहर धंस गया। साल 2016 में शहर धंसने लगा था। खनन के कारण जमीनों के नीचे सुरंगें बन गई थीं, जिस कारण घरों और इमारतों के गिरने का खतरा मंडरा गया। अब स्वीडन की सरकार लोगों को सरकारी खर्चे पर मकान बनाकर दे रही है।

सरकार ने यह फैसला भी लिया है कि शहर में बने मकान गिराए नहीं जाएंगे। वे खुद ढह जाएं तो बेहतर, तब तक लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाएगा। आर्कटिक सर्कल से 125 मील ऊपर स्थित शहर किरुना में मूल्यवान खनिज पाए गए हैं। इस साल की शुरुआत में घोषणा की गई थी कि किरुना दुर्लभ खनिज तत्वों का सबसे बड़ा ज्ञात भंडार है, जिसका उपयोग इलेक्ट्रिक कार बैटरी और पवन टरबाइन बनाने के लिए किया जाता है।

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न्यू किरुना नामक नया शहर बन रहा

देश के उप प्रधानमंत्री एब्बा बुश ने कहा कि स्वीडन वास्तव में एक सोने की खान है। किरुना की खदान स्वीडिश कंपनी एलएबी द्वारा संचालित की जाती है, जिसकी स्थापना 1900 में हुई थी। यह खदान दुनिया की सबसे बड़ी लौह खदान है और यूरोपीय संघ की 80% आपूर्ति का उत्पादन करती है, लेकिन खदान से खनन होने से लोगों की जान को खतरा पैदा हो गया है। इसलिए शहर को शिफ्ट करने की कोशिश सरकार कर रही है।

स्वीडन सरकार सिटी किरूना से करीब 5 किलोमीटर दूर इलाके में ‘न्यू किरुना’ सिटी नाम से एक शहर बसा रही है। इसमें किरुना की जिन इमारतों को स्थानांतरित किया जाएगा, उनमें से एक प्रतिष्ठित चर्च है, जो 1912 में खोला गया था। लोगों का कहना है कि चर्च को स्थानांतरित करना हमारे लिए और शहर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। लोग इससे बहुत खुश हैं कि चर्च नए शहर में जा रहा है और इसे तोड़ा नहीं जाएगा।

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Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Sep 22, 2023 08:49 AM

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