Nobel Prize 2025: दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार नोबेल है. आज नोबेल समिति ने लिटरेचर में यह पुरस्कार हंगरी के लेखक लास्ज़लो क्रास्ज़नाहोरकाई को दिया है. यह सम्मान उन्हें सम्मोहक और दूरदर्शी कृति के लिए मिला है. स्वीडिश एकेडमी ने इसकी घोषणा आज की है.
2024 में किसे मिला था सम्मान?
पिछले वर्ष नोबेल समिति ने साहित्य में यह सम्मान दक्षिण कोरियाई लेखिका हान कांग को दिया था. उन्हें यह सम्मान intense poetic prose के लिए प्रदान किया गया था, जो ऐतिहासिक आघातों और जीवन की नाजुकता का अन्वेषण करता है.
स्वीडन के स्टॉकहोम स्थित स्वीडिश अकादमी द्वारा दिया जाने वाला यह प्रतिष्ठित पुरस्कार 1901 में शुरू हुआ था और अब तक 117 बार प्रदान किया जा चुका है. अब तक कुल 121 व्यक्तियों को साहित्य का Noble सम्मान मिल चुका है. इनमें डोरिस लेसिंग 87 वर्ष की आयु में यह पुरस्कार पाने वाली सबसे बुजुर्ग विजेता रही हैं.
साहित्य का नोबेल पुरस्कार हमेशा से विश्वभर के लेखकों के लिए सबसे बड़ा सम्मान माना जाता है। यह न केवल किसी लेखक की लेखन प्रतिभा का प्रमाण होता है, बल्कि उनकी सोच, दृष्टिकोण और मानवता के प्रति योगदान का भी प्रतीक है. हंगरी के लेखक लास्ज़लो क्रास्ज़नाहोरकाई को यह पुरस्कार मिलना साहित्य जगत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है. उनकी रचनाएं अपनी जटिलता, दार्शनिक गहराई और मनुष्य की आत्मा की परतों को उजागर करने के लिए जानी जाती हैं. उनके लेखन में आधुनिक समाज की विडंबनाओं और अस्तित्व की जद्दोजहद का गहन चित्रण मिलता है.
क्रास्ज़नाहोरकाई की प्रसिद्ध कृतियों में ‘Satantango’ और “The Melancholy of Resistance” शामिल हैं, जिन पर मशहूर फिल्में भी बन चुकी हैं. वे अपनी लंबी, जटिल और लयात्मक वाक्य संरचनाओं के लिए भी जाने जाते हैं, जो पाठक को सोचने पर मजबूर करती हैं.
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