नेपाल में हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार को उखाड़ फेंक दिया गया, प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया और अब नेपाल की कमान किसे सौंपी जाए, इस पर मंथन चल रहा है। इसी बीच खबर आई कि नए मुखिया के नाम को लेकर प्रदर्शनकारी आपस में ही भिड़ गए। यह भिड़ंत नेपाली सेना मुख्यालय के सामने हुई। आक्रोश और हिंसा को देखते हुए राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने 11 सितंबर को एक पत्र जारी कर लोगों से शांति बरतने की अपील की है।
नेपाली भाषा में लिखे अपने पत्र में उन्होंने लिखा कि “मैं संवैधानिक ढांचे के भीतर देश में मौजूदा कठिन परिस्थिति से बाहर निकलने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहा हूं।” उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधि, सेना और राष्ट्रपति के बीच नए प्रमुख के नाम पर चर्चा की जा रही है।
‘हम निकाल रहे समाधान’
इस बीच, गुरुवार को जारी बयान में नागरिकों से भरोसा रखने को कहा गया। उनके अनुसार, प्रदर्शनकारियों की शिकायतों के समाधान के लिए काम किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र की रक्षा और संविधान के ढांचे में स्थिरता बहाल करने को लेकर चर्चा चल रही है। राष्ट्रपति ने कहा कि “मैं लगातार परामर्श कर रहा हूं और हर संभव प्रयास कर रहा हूं ताकि एक संवैधानिक रास्ता निकले, जो लोकतंत्र की रक्षा करे और देश में शांति व व्यवस्था बनाए रखे।”
नेपाल में चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों की अगुवाई कर रहे प्रदर्शनकारियों को तय करना है कि आगे देश की कमान कौन सभालेगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेपाल में पुलिस और सेना के साथ झड़पों में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसक प्रदर्शन को देखने के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा है।
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हालांकि प्रदर्शनकारी इस बात को लेकर कन्फ्यूज हो गए हैं कि नेपाल की कमान अब किसे सौंपी जाए। मीडिया रिपोर्टों में बताया गया कि प्रदर्शनकारियों ने नई सरकार के गठन की अगुवाई के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश और भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता सुशीला कार्की को चुना है। हालांकि अभी तक नए नाम पर मुहर नहीं लग पाई है।