Nepal Plane Crash Enquiry Report Mentioned Human Error: पायलट में गलत लीवर खींच दिया था, जिस वजह से प्लेन क्रैश हुआ और 72 लोगों की जान चल गई। यह खुलासा हादसे की जांच कर रही कमेटी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) से कई खुलासे हुए। रिकॉर्डिंग के अनुसार, सभी इंजन सही तरीके से काम का रहे थे। एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC) ने 10:57:07 पर प्लेन को लैंड करने की परमिशन दी। पायलट फ्लाइंग (PF) ने 2 बार कहा कि इंजन में पॉवर नहीं है। हादसे के समय विजिबिलिटी करीब 6 किलोमीटर थी। आसमान लगभग साफ था। ऐसे में पायलट ने गलती से कंडीशन लीवर खींच दिया होगा, जिससे इंजन बंद हो गया। हादसास्थल की जांच करने पर भी कंडीशन लीवर खिंचा मिला। इसी वजह से हादसा हुआ।
In January 2023, Sonu Jaiswal, a passenger on Yeti Airlines Flight 691, live-streamed on Facebook as the plane crashed in Nepal. All 72 people on board tragically died. The tragic plane crash can be seen during the last moments of this video. pic.twitter.com/w9MgwvwkQz
— VisionaryVoid (@VisionaryVoid) December 23, 2023
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कड़ी ट्रेनिंग के बावजूद पायलट सही काम नहीं कर पाया
अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के अनुसार, हवाई जहाज के पायलटों को कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग देने के बाद टेस्ट लेकर ही उन्हें लाइसेंस दिया जाता है। लोगों की जान उनके हाथों में सौंपी जाती है। बावजूद इसके एक पायलट से इतनी बड़ी गलती कैसे हो गई कि वह सही लीवर की पहचान नहीं कर पाया? क्या वह जहाज उड़ाते समय अपनी सही मेंटल कंडीशन में नहीं था या अनजाने में उससे यह गलती हो गई? क्या कहें, इसके लिए किसे दोषी ठहराया जाए? जांच में यह भी पता चला है कि पायलट ने कॉकपिट में एकाग्रता खो दी थी। ऐसा लगता है कि उसने अपने को-पायलट की कॉल को बार-बार नजरअंदाज किया। पायलट की यह पहली उड़ान थी और उसकी एक गलती के कारण ही हादसा हुआ और 72 लोगों की जान चली गई। फाइनल जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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न इंजन फेल मिला, न कोई और टेक्निकल फॉल्ट मिला
रिपोर्ट में कहा गया है कि हादसे से पहले इंजन फेल होने का कोई सबूत नहीं मिला है। हादसे के समय दोनों इंजन निष्क्रिय स्थिति में चल रहे थे। इसलिए इंजन विफलता की संभावना से इंकार किया जाता है। किसी भी अन्य टेक्निकल सिस्टम की विफलता का कोई सबूत नहीं मिला। जब जहाज 6500 फीट की ऊंचाई पर पोखरा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 15 मील की दूरी पर था तो पायलट को रनवे 30 पर लैंड करने को कहा गया, लेकिन पायलट ने ATC से अनुरोध किया और रनवे 12 पर उतरने की मंजूरी ली। 10:51:36 पर विमान 6500 फीट से नीचे उतरा। 10:56:12 पर पायलट ने 721 फीट की ऊंचाई पर ऑटोपायलट सिस्टम बंद कर दिया। FDR ने उस समय किसी भी फ्लैप हलचल को रिकॉर्ड नहीं किया। दोनों इंजनों की प्रोपेलर रोटेशन स्पीड (NP) एक साथ घटकर 25 प्रतिशत से कम हो गई और टॉर्क 0 प्रतिशत हो गया, जिसके परिणामस्वरूप जहाज नीचे गिर गया।
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बता दें कि 15 जनवरी 2023 को नेपाल में पोखरा एयरपोर्ट पर लैंडिंग के समय यति एयरलाइंस का जहाज सेती नदी की खाई में गिर गया था। इस फ्लाइट में 68 यात्री और 4 क्रू मेंबर्स थे, जो मारे गए। इस हादसे की जांच रिपोर्ट में मानवीय गलती को हादसे का कारण बताया गया है।