Nawaz Sharif booked Air Ticket From London to Pakistan: पाकिस्तान के तीन बार के प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन के भगोड़े नेता नवाज शरीफ इसी महीने अपने देश पाकिस्तान वापस आ सकते हैं। उन्होंने लंदन से पाकिस्तान वापस आने के लिए अपना एयर टिकट बुक कराया है। पाकिस्तानी न्यूज साइट पाकिस्तान टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, नवाज शरीफ के करीबी सूत्रों ने बताया है कि नवाज शरीफ के लंदन से अबू धाबी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरने की योजना है। इसके बाद वे 21 अक्टूबर को लाहौर के लिए उड़ान भरेंगे।
ये लोग भी आ रहे हैं साथ
रिपोर्ट में बताया गया है कि नवाज शरीफ ने एतिहाद एयरवेज के बिजनेस क्लास का टिकट बुक किया है। एतिहाद एयरवेज की फ्लाइट EY 243 शाम 6:25 बजे लाहौर के अल्लामा इकबाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरेगी। पीएमएल-एन सुप्रीमो के साथ उनके निजी सलाहकार मुहम्मद वकार, डॉ. अदनान, मियां नासिर जांजुआ और पूर्व में सीनेटर रहे इरफान सिद्दीकी भी रहेंगे। सूत्रों ने कहा कि पार्टी के कई नेताओं और पूर्व संसद सदस्यों ने भी अबू धाबी से उसी उड़ान में अपनी सीटें बुक की हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों से पीएमएल-एन कार्यकर्ता उन्हें लेने के लिए अबू धाबी हवाई अड्डे पर पहुंचेंगे।
यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान की स्पेशल कोर्ट का जेल अधिकारियों को आदेश; इमरान खान और शाह महमूद क़ुरैशी को करना होगा 4 अक्टूबर को पेश
भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट ने ठहराया था दोषी
हालांकि नवाज शरीफ की वापसी पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता और पूर्व संघीय मंत्री राणा तनवीर हुसैन ने रविवार को मीडिया को बताया कि 21 अक्टूबर को नवाज शरीफ की वतन वापसी अपरिवर्तनीय होगी। बताया गया है कि भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद जेल में सजा काट रहे पीएमएल-एन सुप्रीमो ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से अनुमति मिलने के बाद नवंबर 2019 में देश छोड़ दिया था, जिसने उन्हें अपनी बीमारी का इलाज कराने के लिए यूनाइटेड किंगडम जाने की अनुमति दी थी।
नवाज शरीफ के लिए बदला गया था कानून
फरवरी 2020 में, तत्कालीन सरकार ने नवाज शरीफ को भगोड़ा घोषित कर दिया था। बाद में उसी वर्ष एक अदालत ने उन्हें तोशाखाना मामले में अपराधी घोषित कर दिया था। बताया गया है कि जून 2023 में नवाज की वापसी के लिए पाकिस्तानी संसद के दोनों सदनों ने चुनाव (संशोधन) अधिनियम 2023 पारित किया, जिसने पाकिस्तान के चुनाव आयोग को एकतरफा तारीख तय करने का अधिकार दिया। चुनाव और विधायकों की अयोग्यता की अवधि को पूर्वव्यापी प्रभाव से पांच साल तक सीमित किया गया।
यह भी पढ़ेंः तालिबान के उत्पीड़न से परेशान होकर पलायन कर रहे अफगान नागरिक, इस्लामाबाद से 800 शरणार्थी हिरासत में