म्यांमार और थाईलैंड में आए भूकंप के कारण भारी तबाही मची हुई है। दोनों देशों में नुकसान का अब तक आकलन नहीं हो पाया है। बैंकॉक में मरने वालों की संख्या रविवार को बढ़कर 17 हो गई। बैंकॉक मेट्रोपॉलिटन अथॉरिटी के अनुसार, 32 लोग घायल हुए हैं और 82 अभी भी लापता हैं। म्यांमार में अब तक 1,644 लोगों की मौत हो चुकी है और 3,408 लोग घायल हुए हैं। इस आपदा को लेकर यूनिसेफ अधिकारी ने बताया कि इस घटना से सबसे अधिक प्रभावित कौन हुआ है।
म्यांमार-थाईलैंड भूकंप के बाद यूनिसेफ की क्षेत्रीय संचार प्रमुख एलियन लूथी ने कहा कि बच्चों पर इसका प्रभाव विनाशकारी है। यह एक ऐसा देश है जो पहले से ही संकट में है। लाखों लोगों के पास पहले से ही बुनियादी जरूरतों तक पहुंच नहीं थी और अब इस आपदा ने उन्हें और अधिक कठिनाई में डाल दिया है।
‘बच्चों पर देना होगा सबसे अधिक ध्यान’
एलियन लूथी ने कहा कि सबसे पहली प्राथमिकता बच्चों को सुरक्षित रखना होनी चाहिए। दूसरी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि लोगों के पास आश्रय हो और स्वच्छ पीने के पानी की व्यवस्था की जाए, क्योंकि प्रभावित क्षेत्रों में इसकी कमी जरूर होगी। उन्होंने कहा कि हमें यह देखने की जरूरत है कि बच्चों की सहायता कैसे की जाए, क्योंकि उनमें से कई मनोवैज्ञानिक आघात का सामना कर रहे हैं। हम दूसरों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए काम करेंगे कि वे सामान्य बचपन में लौट सकें, जिसके वे हकदार हैं।
#WATCH | Bangkok, Thailand | On the aftermath of the Myanmar-Thailand earthquake, UNICEF Regional Chief of Communication, Eliane Luthi says, “The impact on children is devastating… This is a country already in crisis… Millions of people already did not have access to basic… pic.twitter.com/GqEWFn70Qn
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) March 30, 2025
भारत ने भेजी सहायता
विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ के तहत नई दिल्ली ने पड़ोसी देश में दो नौसैनिक जहाज भेजे हैं और एक फील्ड अस्पताल को एयरलिफ्ट कर म्यांमार भेजा गया है। इसे लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक ब्रीफिंग में कहा कि इस मानवीय सहायता अभियान के तहत दो और भारतीय नौसैनिक जहाज वहां भेजे जाएंगे।
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भारतीय सेना का एक विमान 15 टन राहत सामग्री लेकर म्यांमार पहुंचा और फिर एक अन्य विमान से बचाव कर्मियों को भेजा गया। अधिकारियों ने बताया कि भारत, म्यांमार में बचाव कर्मियों को पहुंचाने वाला पहला देश बन गया है।