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एलन मस्क नहीं कर पाए जो काम…चीन ने कर दिखाया! बना दी ऐसी चीज जिसे सुनकर आप भी हो जाएंगे हैरान

चीन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा अजूबा बना दिया है जिसे सुनकर कोई भी सोच में पड़ जाएगा. चीन ने एक ऐसी तकनीक बनाई है जिसके जरिए मशीनों को दिमाग से कंट्रोल किया जा सकता है. एलन मस्क भी कुछ ऐसा ही बनाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन चीन ने उन्हें मात दे दी है.

Author Written By: Varsha Sikri Updated: Dec 21, 2025 17:50
Elon Musk China
Credit: Social Media

चीन के वैज्ञानिकों ने ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस तकनीक में एलन मस्क को भी पीछे छोड़ दिया है. चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन ब्रेन साइंस एंड इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी (CEBSIT) ने दावा किया है कि अब एक शरीर से पूरी तरह लाचार इंसान भी सिर्फ दिमाग की मदद से किसी भी रोबोट और डिवाइस को अपने काबू में कर सकता है. ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस तकनीक अब सिर्फ लैब में नहीं बल्कि रियल लाइफ का हिस्सा बन रही है. इससे पहले न्यूरालिकं ने इस तकनीक में कुछ शुरुआती कामयाबी हासिल की थीं जोकि एलन मस्क की कंपनी है.

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मिस्टर झांग पर हुआ था ट्रायल

एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रायल में शामिल हुए मिस्टर झांग नामक व्यक्ति को गिरने से रीढ़ की हड्डी में सीरियस इंजरी हुई थी. 2022 में उनकी गर्दन के नीचे के पूरे शरीर को लकवा मार गया था, जिसकी वजह से वो सिर्फ गर्दन और सिर हिला सकते हैं. इलाज के बाद भी उन्हें कोई फायदा नहीं मिला, फिर वो CEBSIT के क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा बने. जून 2025 में एक सर्जरी के दौरान डॉक्टर्स ने उनके दिमाग में WRS01 नाम का वायरलेस ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस डिवाइस फिट किया. इस डिवाइस को छोटे सेंसर और चिप से बनाया गया है जो ब्रेन की छोटी जगह में फिट बैठ जाता है. सर्जरी के बाद एक स्पेशल टोपी पहनाई जाती है, जो बिना तार के बिजली देकर ब्रेन से सिग्नल लेती है. दो तीन हफ्तों की ट्रेनिंग के बाद ही झांग कंप्यूटर कर्सर को ब्रेन से कंट्रोल करने लगे.

अब बेहतर जिंदगी जी रहे हैं झांग

चीन का प्रयोग इतना सफल रहा कि ट्रायल में शामिल हुए मिस्टर झांग अब दिमाग से चीजों को कंट्रोल कर बेहतर जिंदगी जी रहे हैं. इसी तकनीक की वजह से वो आज जॉब भी कर रहे हैं. झांग ब्रेन से कर्सर को कंट्रोल करते हुए वेंडिंग मशीनों से सामान निकालने की जांच करते हैं. ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी ब्रेन इंप्लांट वाले मरीज को जॉब मिली हो. झांग सिर्फ कंप्यूटर ही नहीं, बल्कि अपनी स्मार्ट व्हीलचेयर को भी दिमाग से कंट्रोल करते हैं. उनके पास एक रोबोट डॉग भी है जिसे कमांड देने पर वो झांग की हर बात मानता है. WRS02 सिस्टम बोलने की क्षमता को भी दिमाग से डिकोड कर पाएगा.

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एक और प्रोजेक्ट पर काम जारी

ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस तकनीक को सबसे ज्यादा खास बनाती है इसकी स्पीड. शरीर में आमतौर पर 200 मिलीसेकंड में सिग्नल पहुंचता है, लेकिन तकनीक में इसे 100 मिलीसेकंड रखा गया है ताकि कंट्रोल करना आसान रहे. अब चीन में 256 चैनल वाले WRS02 सिस्टम पर काम जारी है, जिसका ट्रायल जल्द शुरू होने की उम्मीद है.

First published on: Dec 21, 2025 05:50 PM

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