Maryam Nawaz Made History in Pakistan : मरियम नवाज ने पाकिस्तान में इतिहास रच दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम को पंजाब प्रांत का मुख्यमंत्री चुना गया है। वह इस देश के किसी भी प्रांत की मुख्यमंत्री बनने वाली पहली महिला हैं। 50 वर्षीय मरियम नवाज को 371 सीटों वारी प्रांतीय विधानसभा में 220 वोट मिले थे। पंजाब पाकिस्तान का सबसे ज्यादा आबादी वाला प्रांत है और इसे शरीफ परिवार का गढ़ भी कहा जाता है।
Maryam Nawaz elected first female Chief Minister of Punjab, securing 220 votes#Pakistan @MaryamNSharif pic.twitter.com/JMyxYAluP6
---विज्ञापन---— Nadeem Malik 🇵🇰 (@nadeemmalik) February 26, 2024
मरियम नवाज का जन्म 28 अक्टूबर 1973 को लाहौर में हुआ था। वह चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। जानकारी के अनुसार उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई की थी लेकिन डिग्री पूरी नहीं की थी। डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने पहले एक मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया था और फिर लाहौर के किंग एडवर्ड मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर ले लिया था। इसे लेकर काफी विवाद हुआ था। बाद में उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिटरेचर में मास्टर्स की डिग्री पूरी की थी।
सेना के अधिकारी से निकाह
उनका निकाह सेना के अधिकारी सफदर अवान के साथ हुआ था। साल 1992 में जब नवाज शरीफ दूसरी बार प्रधानमंत्री बने थे तब अवान उनके निजी सचिव हुआ करते थे। बताया जाता है कि जब अवान नवाज के लिए काम करते थे तब मरियम अपनी किशोरावस्था में थीं। दोनों के एक बेटा और दो बेटियां हैं।
कब की थी राजनीति में एंट्री
मरियम नवाज ने राजनीति में एंट्री साल 2013 में की थी जब उनके पिता प्रधानमंत्री पद पर थे। उसी साल मरियम को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) का अध्यक्ष चुना गया था। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की डिजिटल वर्ल्ड में लोकप्रियता को चुनौती देने के लिए मरियम ने अपनी पार्टी की सोशल मीडिया विंग स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई थी। वह अपने पिता के लिए यूथ अफेयर प्रोग्राम की अध्यक्षता भी कर चुकी हैं।
Maryam Nawaz Sharif carrying her mother’s photo in the assembly speaks volumes about her love and respect. pic.twitter.com/Qx9QuWDkRG
— PMLN (@pmln_org) February 26, 2024
मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगा
साल 2017 में जब पाकिस्तान के चुनाव आयोग के सामने अपनी संपत्तियों को लेकर झूठ बोलने के लिए नवाज शरीफ को अयोग्य करार दे दिया गया था, तब मरियम को पार्टी में और बड़ी भूमिका मिली थी। हालांकि, पनामा पेपर्स स्कैंडल में भ्रष्टाचार के लिए अपने पिता और पति के साथ दोषी करार दिए जाने के बाद मरियम ने चुनाव न लड़ने का फैसला किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार अदालत ने कहा था कि मरियम नवाज मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त थीं।
कारावास की सजा भी काटी
लेकिन, मरियम ने अपने निर्दोष होने की बात की कही है। हालांकि, बाद में यह फैसला बदल दिया गया था लेकिन इससे पहले मरियम और नवाज शरीफ, दोनों को जेल की सजा काटनी पड़ी थी। उल्लेखनीय है कि साल 2017 में मरियम नवाज का नाम बीबीसी की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया गया था। इसके अलावा न्यूयॉर्क टाइम्स की ओर से जारी की गई एक ऐसी ही लिस्ट में भी उन्हें जगह दी गई थी।
मरियम की संपत्ति कितनी है
साल 2019 में जब नवाज शरीफ इलाज के लिए लंदन चले गए थे तब इमरान खान की सरकार के खिलाफ मरियम ने पूरे देश में अभियानों का नेतृत्व किया था। रिपोर्ट्स बताती हैं कि मरियम नवाज के पास अच्छी खासी संपत्ति है। इस साल फरवरी में हुए आम चुनाव से पहले मरियम ने अपने चुनावी शपथ पत्र में कहा था कि उनके पास 84 करोड़ रुपये कीमत की जमीन का मालिकाना हक है। उनके पास 17.5 करोड़ रुपये का सोना है और एक करोड़ रुपये कैश व बैंक खातों में हैं।
Maryam Nawaz Sharif is a Lioness. This was no easy battle to win. pic.twitter.com/o6YKzv9VTE
— Team MNS (@TeamMNSharif) February 26, 2024
इमरान खान ने किया विरोध
इसी साल जनवरी में मरियम नवाज को पीएमएल-एन का वरिष्ठ उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था। लेकिन उनके चुनाव लड़ने का सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल पार्टी ने विरोध किया था जो इमरान खान की समर्थक है। इमरान और उनके साथियों ने दावा किया था कि हाल ही में हुए चुनाव में फर्जीवाड़ा हुआ था। हालांकि, देश के निर्वाचन आयोग ने इस दावे को खारिज किया है। बता दें कि इमरान खान इस समय भ्रष्टाचार के मामलों में जेल की सजा काट रहे हैं।
इस साल लड़ा पहला चुनाव
पंजाब में चुनाव जीतने के बाद मरियम नवाज ने कहा था कि मैं इस बात से दुखी हूं कि इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने के लिए विपक्ष यहां नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि मेरी सरकार के दरवाजे विपक्ष से बात करने के लिए खुले हैं। मरियम को उनकी शानदार भाषण शैली के लिए जाना जाता है। लेकिन, इससे पहले उन्होंने कोई बड़ा पब्लिक ऑफिस नहीं संभाला था। साल 2024 के आम चुनाव में उन्होंने पहली बार अपनी उम्मीदवारी पेश की थी।
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