Khamenei nephew statement: ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष शुरू हुए 6 पूरे हो चुके हैं। आज सातवां दिन है। इस बीच युद्ध में अमेरिकी दखल बढ़ता जा रहा है। ट्रंप ने सेनाओं को अटैक की प्लानिंग करने का आदेश दिया है। इस बीच ईरान से बड़ी खबर सामने आ रही है। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के भतीजे महमूद मोरदखानी ने एक इंटरव्यू में कहा कि मैं युद्ध के पक्ष में नहीं हूं। इस्लामिक गणराज्य का अंत ही शांति का एकमात्र रास्ता है।
क्या खामेनेई की मौत से सब ठीक हो जाएगा
मोरदखानी ने कहा कि जो भी इस शासन को मिटा सके वो जरूरी है। मोरदखानी 1986 में ईरान छोड़ चुके हैं। वे अपने चाचा खामेनेई के शासन के कटु आलोचक रहे हैं। मोरदखानी ने रॉयटर्स को दिए अपने बयान में कहा कि इजराइल से सैन्य टकराव दुर्भाग्पूर्ण है। ऐसी व्यवस्था अपरिहार्य है जो न झुकना पसंद करती है और न बदलना। खामेनेई के भतीजे ने कहा कि ये यहां तक पहुंच गया लेकिन क्या खामेनेई की मौत से सब कुछ ठीक हो जाएगा।
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ये शासन बदला जरूर लेगा
ईरान में इंटरनेट ब्लैकआउट के कारण मोरदखानी अपने समर्थकों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। उनका मानना है कि लेकिन कई लोग हैं जो खानेमेई के शासन की कमजोरी के संकेत देखकर खुश हैं। जितनी जल्दी ये खत्म होगा अच्छा होगा। उन्होने कहा कि ये बेकार हार होगी मेरा ये मानना है कि ये शासन बदला जरूर लेगा।
बता दें कि अमेरिका ने जंग में एंट्री को लेकर तैयारी पूरी कर ली है। अब सेना को ट्रंप के आदेश का इंतजार है। उधर ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि उनका देश कभी भी परमाणु हथियारों का पक्षधर नहीं रहा है। वे केवल आत्मरक्षा के अधिकार के तहत इजराइल के शासन को निशाना बना रहे हैं।
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