Justice Qazi Faez Isa Took Oath As 29th Chief Justice of Pakistan: पाकिस्तान को नया चीफ जस्टिस मिल गया है। रविवार को जस्टिस काजी फैज ईसा ने 29वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। उन्होंने पूर्व मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की जगह ली है। बंदियाल पूर्व पीएम इमरान खान के करीबी माने जाते थे। वे सुप्रीम कोर्ट के जरिए पाकिस्तान की राजनीति को कंट्रोल कर रहे थे। कई मौके पर बंदियाल ने इमरान को बड़ी राहत भी दी थी। जस्टिस ईसा को इमरान का विरोधी माना जाता है।
पत्नी को साथ ले गए मंच पर
63 वर्षीय जस्टिस काजी फैज ईसा को इस्लामाबाद के ऐवान-ए-सद्र में उनके पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। उस वक्त कार्यवाहक प्रधान मंत्री अनवारुल हक काकर थे। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने उन्हें शपथ दिलाई। इस दौरान आर्मी स्टाफ जनरल असीम मुनीर, मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी थे।
जस्टिस ईसा अपनी पत्नी सरीना ईसा को साथ लेकर मंच पर गए थे। आमतौर पर शपथ ग्रहण समारोह में परिवार के सदस्यों को मंच के आगे की पंक्ति में बैठाया जाता है। इस तरह जस्टिस ईसा ने नई परंपरा डाली। उनके इस कदम को लोग सराह रहे हैं।
विवादों में रही हैं सरीना ईसा
सरीना ईसा विवादों में रही हैं। 2019 में दायर एक मामले में टीवी चैनलों ने उन्हें एक छड़ी की मदद से चलते हुए दिखाया गया था। आरोप लगाया था जस्टिस फैज ने अकूत संपत्ति बनाकर लंदन में प्रॉपर्टी बनाई है, जिसकी असल मालकिन सरीना ईसा हैं। उस वक्त पूर्व पीएम इमरान खान ने जस्टिस फैज को काफी परेशान किया था। हालांकि बाद में जस्टिस फैज और उनकी पत्नी को आरोपों से बरी कर दिया गया था।
क्वेटा में हुआ था जन्म
जस्टिस फैज का जन्म 26 अक्टूबर 1959 को क्वेटा में हुआ था। उनके पिता काजी मुहम्मद ईसा पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना के करीबी थे। शुरुआती शिक्षा क्वेटा फिर कराची और बाद में कानून की पढ़ाई के लिए लंदन गए थे। जहां उन्होंने बार प्रोफेशनल परीक्षा पास की थी।
जस्टिस फैज ईसा ने 1985 में बलूचिस्तान हाईकोर्ट में बतौर वकील अपना करियर शुरू किया था। 1998 में वे सुप्रीम कोर्ट के वकील बन गए। उन्हें 27 सालों तक बलूचिस्तान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस का अनुभव है। 2009 में बलूचिस्तान हाईकोर्ट का जज बनाया गया। उन्होंने 2009 से 2014 तक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम किया। 2014 में प्रमोशन पाकर वे सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
13 महीने का होगा कार्यकाल
जस्टिस फैज ईसा का कार्यकाल 13 महीने का होगा। उनका कार्यकाल 25 अक्टूबर 2024 को खत्म होगा।
जस्टिस ईसा के सामने ये 4 बड़ी चुनौतियां
- पाकिस्तान इस समय संवैधानिक, कानूनी और राजनीतिक चुनौतियों से जूझ रहा है। इस समय जस्टिस ईसा को सबसे पहले 90 दिन के भीतर आम चुनाव कराना है। 9 अगस्त को संसद भंग कर दी गई थी।
- दूसरी चुनौती सैन्य अदालतों द्वारा नागरिकों के मुकदमे को चुनौती देने वाले मामले से संबंधित है।
- पूर्व मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल पर पूर्व पीएम इमरान खान के प्रति नरम रुख अपनाने के लिए आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में जस्टिस ईसा को अदालतों पर भरोसा और तटस्थता को बहाल करना होगा।
- सुप्रीम कोर्ट में 56 हजार से अधिक केस पेंडिंग हैं। इनमें से कुछ मामले वर्षों पुराने हैं। अब तक उन पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। ऐसे में पेंडेंसी का बोझ कम करना होगा।
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