Japan Airlines safety rules Plane Fire Accident in Tokyo: जापान के टोक्यो एयरपोर्ट पर हुए विमान (एयरबस ए 350) हादसे ने सुरक्षा मानकों को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। यह प्लेन जापान कोस्ट गार्ड के प्लेन से टकरा गया था। सबसे बड़ी बात यह रही कि इस हादसे में सभी 379 यात्री बच गए। वहीं कोस्ट गार्ड के 6 में से 5 क्रू मंबर्स की मौत हो गई। बचने वाले 39 साल के विमान के कप्तान थे। दुर्घटना टोक्यो के हनेडा हवाई अड्डे पर हुई जब रनवे पर प्लेन में अचानक आग लग गई। इतने बड़े हादसे में सभी यात्रियों की जान बचने को किसी चमत्कार से कम नहीं माना जा रहा है। सामने आया वीडियो दिल दहलाने वाला है। आग लगने के बाद विमान से खतरनाक लपटें उठ रही थीं।
‘खून से लिखे’ सुरक्षा नियम से बची जान
एक प्रमुख यूरोपीय एयरलाइन के एक पायलट का कहना है कि आधुनिक विमानन के सुरक्षा रिकॉर्ड ‘उन लोगों के खून से लिखे गए हैं जो इतने भाग्यशाली नहीं हैं।’ उसने कहा कि दुर्घटनाएं सबक बन जाती हैं और उन्हें इंडस्ट्री में शेयर किया जाता है ताकि सभी कर्मचारी भविष्य में अपना काम ठीक तरीके से कर सकें। हर दुर्घटना से भी कुछ सीखा जा सकता है। उसने कहा कि मैं पायलटों, चालक दल और यात्रियों से असाधारण रूप से प्रभावित हूं। पायलटों को सबसे सुरक्षित समय के लिए प्रशिक्षित करने में दशकों लगे हैं। विमान बड़े हो गए हैं, इसलिए सभी यात्रियों को 90 सेकंड में निकाला जा सकता है।
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूके के क्रैनफील्ड विश्वविद्यालय में सुरक्षा और दुर्घटना जांच के प्रोफेसर ग्राहम ब्रेथवेट ने इस दुर्घटना पर हैरानी जताते हुए कहा कि दुर्घटना का वीडियो फुटेज देखकर मुझे आश्चर्य हुआ, लेकिन राहत मिली कि हर कोई बाहर निकल गया। उन्होंने 40 साल पहले हुई एक भयानक विमान दुर्घटना का जिक्र किया, जिसकी वजह से जापान एयरलाइंस एक सुरक्षित एयरलाइंस में बदल गई।
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#WATCH | A Japan Airlines jet was engulfed in flames at Tokyo's Haneda airport after a possible collision with a Coast Guard aircraft, with the airline saying that all 379 passengers and crew had been safely evacuated: Reuters
(Source: Reuters) pic.twitter.com/fohKUjk8U9
— ANI (@ANI) January 2, 2024
कौन था इतिहास का सबसे बड़ा हादसा
यह दुर्घटना 12 अगस्त 1985 को हुई थी जब टोक्यो से ओसाका जा रही जेएएल उड़ान 123 हादसे का शिकार हो गई। विमान में सवार 524 में से 520 लोगों की मौत हो गई थी। इसी दुर्घटना से मिला सबक इसबार हुई दुर्घटना में यात्रियों के बचने की वजह बना। यह इतिहास की सबसे एक विमान में होने वाली सबसे घातक दुर्घटना थी। ब्रेथवेट का कहना है कि एयरलाइन पर इस दुर्घटना का इतना ज्यादा प्रभाव पड़ा कि यह सुनिश्चित किया गया कि ऐसी दुर्घटना दोबारा न हो। गलत चीजों को वे ऐसे ही देखते हैं और सीख सकते हैं। यह चीजों को बेहतर बनाने का अवसर होता है।
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