Israel Hamas War Muslim Country UAE Saudi Arabia: हमास-इजरायल की जंग शुरू हुए 5 दिन बीत चुके हैं। अब तक दोनों ओर से 1200 ज्यादा जानें जा चुकी है। इजरायल की एयरफोर्स गाजा पट्टी के रिहायशी इलाकों में ताबड़तोड़ हमले कर रही है। अब तक गाजा के करीब 750 लोगों की जान जा चुकी है। वहीं पूरी दुनिया में इस जंग को रोकने की अपील की जा रही है। वहीं मंगलवार को इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने दुनिया के कई देशों के प्रमुखों से फोन पर बात की। नेतन्याहू ने पीएम मोदी, प्रेसिडेंट जो बाइडेन, इमैनुएल मैक्रो, और ओलॉफ स्कॉल्ज को फोन किया और युद्ध की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। सभी प्रमुख देशों से बात करने के बाद इजरायल ने गाजा पट्टी पर और दोगुनी ताकत से हमला किया।
मुस्लिम देशों के रवैये पर उठे सवाल
हालांकि इस युद्ध का एक और पहलु सामने आया है। जब तक हमास इजरायल पर रॉकेट दाग रहा था तब तक मुस्लिम देशों में खुशियां मनाई जा रही थी। लेकिन जैसे ही इजरायल ने जवाबी कार्रवाई की उन्होंने इजरायल की आलोचना करना शुरू कर दी। हालांकि अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और भारत समेत दुनिया के बड़े देश इजरायल के समर्थन में आए हैं। दिलचस्प बात यह है कि इजरायल के जवाबी हमले के बाद दुनियाभर में शांति की अपील की जा रही है। पाकिस्तान के पूर्व अधिकारी और मानवाधिकार कार्यकर्ता आरिफ अजाकिया ने मुस्लिम देशों के रवैये पर सवाल उठाया है।
आप एक चीज को दो चश्मे से नहीं देख सकते
अजाकिया ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि हमास के आतंकियों ने इजरायल की बहन-बेटियों को घरों से खींचकर ले जा रहे हैं, उन्हें बंधक बनाकर उनके साथ दुष्कर्म कर रहे हैं। तब किसी मुस्लिम देश के मानवाधिकार कार्यकर्ता क्यों आवाज नहीं उठाई। अब जब हमास खत्म होने के कगार पर है तो अचानक सभी मुस्लिम देश शंाति की अपील कर रहे हैं। अजाकिया ने कहा कि आप एक चीज को दो चश्मे से नहीं देख सकते हैं।
यूएई ने किया हमास का विरोध
लंदन के इस मानवाधिकार कार्यकर्ता ने कहा कि कनाडियन इजरायली युवती विवियन सिल्वर हमेशा फिलिस्तीन की समर्थक रही। हमास के आतंकियों ने उसे भी अगवा कर बंधक बना लिया। मुस्लिम देशों में एकमात्र यूएई ऐसा देश है जिसने हमास के हमले को गलत बताया है। उसने कहा कि हमास ने जिस तरह रेप किया उसकी आलोचना होनी चाहिए। वहीं सऊदी अरब इस मामले में दबाव में है क्योंकि उसके यहां मुस्लिमों का सबसे बड़ा तीर्थस्थल मक्का-मदीना है। वहीं ईरान ने युद्ध शुरू होने के दूसरे दिन ही हमास का समर्थन करना शुरू कर दिया था। कुछ रिपोर्ट्स में तो यह भी कहा जा रहा है कि ईरान के उकसाने के बाद ही हमास ने इजरायल पर हमला बोला है।