Houthi Rebels Missile Attack On US Ship: इजराइल-हमास युद्ध के परिणामस्वरूप लाल सागर में तनाव बढ़ता जा रहा है। हूती विद्रोहियों ने लगातार आतंक मच रहा है। हूती विद्रोही आए दिन मिसाइल अटैक कर रहे हैं। अब उन्होंने अमेरिकी जहाज पर मिसाइल अटैक किया है।
US सेंट्रल कमांड ने अपने X हैंडलर पर पोस्ट करके हमले की जानकारी दी। वहीं अमेरिका ने हूती विद्रोहियों को चेतावनी दी है कि वे अपनी हद में रहें। अगर उनकी तरफ से हमले कम नहीं हुए तो जवाबी कार्रवाई उन्हें महंगी पड़ सकती है।
Houthis hit US-owned ship in missile attack in Red Sea: US Central Command
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— ANI Digital (@ani_digital) January 15, 2024
जहाज और क्रू मेंबर्स सुरक्षित
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकन सेंट्रल कमांड ने जानकारी दी कि अदन की खाड़ी में लगभग 100 मील दूर 15 जनवरी को शाम करीब 4 बजे (भारतीय समय), ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने अमेरिका के कंटेनर शिप पर एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल दागी, हालांकि मिसाइल अटैक फेल हो गया।
जहाज या किसी अन्य को चोट या महत्वपूर्ण क्षति नहीं पहुंची। जहाज अपने सफर पर आगे बढ़ रहा है।, लेकिन 2 दिन पर लगातार दूसरा हमला है। रविवार को दोपहर करीब 2 बजे अमेरिकन सुरक्षा बलों ने कमर्शियल शिप पर दागी गई एंटी-शिप बैलिस्टिक मिसाइल को फेल किया था।
हूतियों ने दागी थीं 3 मिसाइलें
रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को लाल सागर की ओर 3 मिसाइलें दागी गईं। इनमें से 2 मिसाइलें समुद्र तक नहीं पहुंचीं और तीसरी ने अमेरिका के जहाज को टारगेट किया। हालांकि जहाज सुरक्षित है। ईगल बल्क शिपिंग कंपनी जहाज के क्रू मेंबर्स के साथ संपर्क बनाए हुए है।
अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा पिछले गुरुवार को यमन में हूती विद्रोहियों के हमले के बाद बयान जारी किया गया था कि बाइडेन सरकार इस क्षेत्र में अपनी संपत्ति और हितों की रक्षा करेगा। बता दें कि नवंबर 2023 से अब तक हूती विद्रोही लाल सागर में इंटरनेशनल शिपिंग लेन पर लगभग 30 हमले कर चुके हैं।
ब्रिटेन की भी हूतियों को चेतावनी
अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा हूतियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, बहरीन और नीदरलैंड्स का समर्थन है। वहीं हमले के बाद ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि इंटरनेशनल कम्युनिटी की बार-बार चेतावनियों के बावजूद हूतियों ने ब्रिटेन और अमेरिकी युद्धपोतों सहित लाल सागर में हमले जारी रखे हैं। यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
अगर हमले नहीं रोके गए तो अमेरिका के साथ मिलकर जवाबी कार्रवाई करने से ब्रिटेन पीछे नहीं हटेगा। अंतराष्ट्रीय आवागमन के रास्ते पर हमले होने से सभी देश आर्थिक रूप से प्रभावित होंगे। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।