Israel Hamas War History: इजरायल और हमास के बीच पिछले 10 दिनों से भीषण युद्ध जारी है। फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हजारों रॉकेट दागे थे। इसके जवाब में इजरायल भी लगातार हमास को निशाना बना रहा है। अब इजरायल की सेना जमीनी हमले करने की तैयारी में है, इसलिए उसने नागरिकों को गाजा पट्टी छोड़ने का आदेश दिया। अब बड़ा सवाल उठता है कि फिलिस्तीन में सबसे पहले यहूदी कैसे आए और इजरायल का जन्म कैसे हुआ?
पूरी दुनिया में पहले यहूदियों को निशाना बनाया जाता था। संयुक्त रूस में 1880 में यहूदियों का नरसंहार किया गया था। साल 1894 में फ्रांस में एक यहूदी सैनिक को जर्मनी को महत्वपूर्ण जानकारी लीक करने के मामले में दोषी ठहराया गया था। लगातार अत्याचार झेल रहे रहे यहूदी समुदाय के मन में यह भावना पनपने लगी कि जबतक उनके पास कोई अलग देश नहीं होगा, तबतक वे सुरक्षित नहीं होंगे। इसके बाद यहूदी ने अपनी अलग मातृभूमि के लिए आंदोलन किया, जिसे Zionism के नाम जाना जाता है।
यहूदियों की बढ़ती प्रतिष्ठा फिलिस्तनियों के आक्रोश का कारण
शुरुआत में यहूदी युगांडा और अर्जेंटीना जैसे देशों को अपना घर मानते थे, लेकिन बाद में उनकी राय बदल गई और फिलिस्तीन उनका घर बन गया, क्योंकि अभी भी वहां उनका पवित्र स्थल स्थित है। टेंपल माउंट को यहूदी धर्म में सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। इसके बाद यहूदियों का प्रवास फिलिस्तीन में शुरू हो गया। यहूदियों के प्रवास का साल 1881 से 1903 तक माना जाता है। इसके बाद ये लोग फिलिस्तीन में जमीन खरीदने लगे और उसमें खेती करने लगे। यहूदियों के आने से फिलिस्तीनियों को नुकसान होने लगा और फिर यहां से ही संघर्ष की चिंगारी उठने लगी।
यहूदियों ने फिलिस्तीन में अपने लिए एक अलग जगह चिह्वित किया। यहूदी धीरे धीरे फिलिस्तीन में अपने पांव जमाने लगे और यह एक संपन्न समुदाय बन गया। विदेशों से धनी यहूदी भी फिलिस्तीनी यहूदियों की आर्थिक मदद करने लगे। यहूदियों की बढ़ती मान प्रतिष्ठा ही फिलिस्तीनियों के आक्रोश का मुख्य कारण है। इस दौरान तुर्क अफसरों ने विदेशी यहूदियों को जमीन बेचने पर रोक लगा दी, लेकिन यह आदेश लागू होने से पहले ही यंग तुर्क क्रांति द्वारा ओटोमन सुल्तान को उखाड़ फेंका। इसके बाद यहूदी भी एकत्रित हो गए।
जानें इजरायल कैसे मना एक अलग देश
फिलिस्तीन से अलग होकर बना आज का इजरायल कभी तुर्किए के ओटोमान साम्राज्य का हिस्सा हुआ करता था। फर्स्ट वर्ल्ड वार में तुर्की की पराजय हुई तो ब्रिटेन का इस पूरे इलाके पर कब्जा हो गया था। सेकंड वर्ल्ड वार में दुनिया अमेरिका और रूस दो महाशक्तियों में बंट गई थी। इस जंग में ब्रिटेन को काफी क्षति पहुंची और इसका प्रभाव यह हुआ कि ब्रिटेन ने 1945 में अपने अधिकार वाले क्षेत्रों को यूएन को दे दिया। यूएन ने 1947 में इसे दो हिस्से में बांट दिया- एक अरब राज्य और दूसरा इजरायल।।। इजराइल वाले क्षेत्र में यहूदी भी रहते थे। इसके बाद इजराइल ने साल 1948 को अपनी आजादी की घोषणा कर दी है। फिलिस्तीनियों ने कहा था कि इजरायल को जबरन अलग देश के रूप में मान्यता दी गई है तो वहीं इजरायल का दावा था कि उसे अपनी मातृभूमि और पवित्र स्थल की रक्षा करने का पूरा अधिकार है।