America-China: दुनिया बीते कई वर्षों से रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध से वैश्विक बाजार में उथल-पुथल का सामना कर रही है. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के इशारों ही इशारों में ऐसा कुछ कहा, जिससे एक और युद्ध का संकेत नजर आ रहा है. ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी हालिया मुलाकात को लेकर बड़ा बयान दिया है. CBS न्यूज को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो शी जानते हैं कि उसके क्या परिणाम होंगे. हालांकि उन्होंने ये स्पष्ट नहीं किया कि अमेरिका ताइवान की सुरक्षा के लिए सैन्य कार्रवाई करेगा या नहीं. ट्रंप ने साउथ कोरिया में शी जिनपिंग से छह साल बाद अपनी पहली आमने-सामने मुलाकात के बारे में बताया कि उस दौरान ताइवान का मुद्दा बातचीत में कभी सामने ही नहीं आया.
ताइवान पर हमला हुआ तो क्या करेगा अमेरिका?
इंटरव्यू में जब ट्रंप से पूछा गया कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो क्या वे अमेरिकी सेनाएं भेजेंगे, तो उन्होंने जवाब दिया, ‘अगर ऐसा हुआ तो आपको पता चल जाएगा, और शी को भी इसका जवाब पता है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैं अपने राज नहीं खोल सकता. दूसरी तरफ को सब समझ में आ गया है.’ ट्रंप ने दावा किया कि शी और उनके करीबी लोगों ने खुलकर कहा है कि जब तक ट्रंप राष्ट्रपति हैं, हम कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे, क्योंकि वे परिणामों को जानते हैं.
ताइवान के पीछे क्यों पड़ा है चीन?
गौरतलब है कि चीन, ताइवान को अपना हिस्सा बताता है जबकि अमेरिका अपनी पुरानी नीति के तहत सिर्फ बीजिंग को मान्यता देता है, लेकिन ताइवान की आत्मरक्षा के लिए उसे हथियार सप्लाई करता है. ताइवान के मुद्दे को लेकर अमेरिका और चीन के रिश्तों में कई बार तनाव बढ़ चुका है, हालांकि इस बार नेताओं की मुलाकात में दोनों ने अपने फोकस को व्यापार युद्ध कम करने की दिशा में रखा. यह बयान ऐसे समय आया है जब ताइवान को लेकर चीन-अमेरिका संबंधों में असमंजस बना हुआ है. ट्रंप का रुख इस विषय पर स्पष्ट नहीं है, वहीं चीन की आक्रामकता से ताइवान समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय में चिंता जताई जा रही है.










