ईरान ने अपने परमाणु प्रोजेक्ट को लेकर बड़ा कदम उठाया है। ईरान ने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ( IAEA) से नाता तोड़ लिया है। बुधवार को इस संबंध में ईरान की संसद ‘मजलिस’ में बिल पारित किया गया। जिसे गुरुवार को ईरान की गार्जियन काउंसिल ने स्वीकृत कर लिया गया है। इस फैसले के बाद अब ईरान अपने परमाणु संयत्रों के IAEA द्वारा इंस्पेक्शन की बाध्यता नहीं रह जाएगी।
परमाणु परीक्षण करके रहेगा ईरान
ईरान ने कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ( IAEA) से नाता तोड़ लिया गया है। ईरान ने साफ कर दिया है कि वह अपने परमाणु प्रोजेक्ट पर किसी भी तरह की रूकावट नहीं चाहता है। वह परमाणु परीक्षण करके रहेगा। इसे लेकर कोई भी उसे नहीं रोक सकता। यह बिल इजरायल और अमेरिका की तरफ ईरान के परमाणु ठिकानों पर बमबारी करने के बाद आया है।
रूस ने ईरान से की अपील
वहीं दूसरी तरफ रूस ने ईरान को ऐसा करने से रोका है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि ईरान अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ अपना सहयोग जारी रखें। रूस नहीं चाहता कि ईरान IAEA से रिश्ते खत्म करे।
🇮🇷 ईरान का बड़ा फैसला :
ईरान की संसद द्वारा अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) से सहयोग निलंबित करने वाला विधेयक अब गार्जियन काउंसिल से भी मंज़ूर हो गया है।
यह फैसला पश्चिमी दबाव के खिलाफ ईरान की रणनीतिक प्रतिक्रिया माना जा रहा है।#Iran #IAEA #NuclearDeal #BreakingNews pic.twitter.com/lUKpr0XPwe---विज्ञापन---— Madhurendra kumar मधुरेन्द्र कुमार (@Madhurendra13) June 26, 2025
ईरान पर हमले की रूस ने की निंदा
ईरान और रूस के बीच दोस्ताना संबंध है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई बार ऐसा देखने को मिला है। रूस की ईरान के साथ रणनीतिक साझेदारी भी है। उन्होंने ईरान पर रूस और इजरायल हमलों की भी कई बार निंदा की है। रूस का कहना है कि ईरान को शांतिपूणर् परमाणु उर्जा कार्यक्रम का अधिकार है। बेवजह इजरायल और अमेरिका ने इसे तूल दिया है।
ईरान IAEA के साथ जारी रखे सहयोग
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव”हम चाहते हैं कि IAEA के साथ ईरान का सहयोग जारी रहे। उन्होंने आगे कहा, “हम चाहते हैं कि हर कोई ईरान के सर्वोच्च नेता का सम्मान करे, जिन्होंने बार-बार कहा है कि ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने की कोई योजना नहीं है और न ही होगी।”