Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान और इजरायल के युद्ध पर अपना पूरा समर्थन इजरायल को दिया है। उनके कार्यकाल की शुरुआत को अभी कुछ समय पहले ही हुआ है और वह इस युद्ध के केंद्र बिंदू बन चुके हैं। ट्रंप ने इजरायल के नेतृत्व में ईरान पर अटैक करने की बात कही थी और ईरान सुप्रीमो को बिना शर्त आत्मसमर्पन करने के लिए कहा था। ट्रंप ने चेतावनी देते हुए यह भी बोला था कि उनकी नजर अयातुल्ला खेमेनाई के प्रमुख एयरबेस कैंप्स पर है और वहां के आसमान पर उनका पूरा नियंत्रण है, मगर अब वह अपने बयानों से पीछे हटते नजर आ रहे हैं। कीर स्टार्मर ने भी मिडल ईस्ट के हालातों पर संयम बरतने का आह्वान किया है।
व्हाइट हाउस प्रवक्ता क्या बोली?
गुरुवार को प्रेस से बातचीत में व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट बताती हैं कि राष्ट्रपति तेहरान के मामले पर कूटनीतिक फैसले लेने के लिए तैयार है और उन्होंने सैन्य निर्णय लेने का वादा भी किया है। इसका मतलब साफ है कि ट्रंप प्रशासन भविष्य में ईरान से वार्ता कर किसी साल्यूशन पर पहुंच सकते हैं। ट्रंप ने कहा था कि “मैं अगले दो सप्ताह के भीतर इस बारे में निर्णय लूंगा कि मुझे जाना है या नहीं।”
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ब्रिटेन के पीएम से ट्रंप की क्या बात हुई?
बुधवार को ट्रंप के बयान के बाद ब्रिटेन के पीएम कीर स्टार्मर ने ट्रंप से फोन पर बात कर इस बारे में चर्चा की थी। उन्होंने ट्रंप को समझाने का प्रयास किया है कि बढ़ते तनाव के वास्तविक जोखिम को समझे और अपनी सैन्य भागीदारी देने वाले निर्णय पर विचार करें।
सर कीर क्या बोलें?
ब्रिटेन के पीएम सर कीर ने अमेरिकी समकक्षों के साथ बातचीत को स्वीकारा है और तनाव को कम करने के हल को कूटनीति से लिया जाना चाहिए। वहीं, विदेश सचिव डेविड लैमी ने वाशिंगटन के प्रति बिना किसी शत्रुता के ब्रिटेन का संदेश दिया था, जहां गुरुवार शाम को ट्रंप के वरिष्ठ विदेश नीति सलाहकार मार्को रुबियो के साथ बैठक की उम्मीद थी।
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