Indian working community in Saudi Arabia: डॉलर के मुकाबले गिरते रुपये की हालत और ज्यादा पैसा कामाने की चाहत में बड़ी संख्या में भारतीय विदेशों का रुख कर रहे हैं। इसी कड़ी में पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान बड़ी संख्या में भारतीयों ने सऊदी अरब का रुख किया। जानकारी के मुताबिक, सऊदी अरब में भारतीय कामगारों की संख्या में 2023-24 के दौरान दो लाख की वृद्धि हुई है, जबकि पश्चिम एशियाई देश में संचालित पंजीकृत भारतीय फर्मों की संख्या बढ़कर 3,000 हो गई है। इसकी बड़ी वजह इस देश में निर्माण, बुनियादी ढांचे और सर्विसेज जैसे क्षेत्रों में तेजी है।
एक साल में 10 फीसदी बढ़ी संख्या
पिछले वित्त वर्ष में श्रमिकों की संख्या में लगभग 10 फीसदी की वृद्धि ने सऊदी अरब में भारतीय समुदाय की ताकत को 26 लाख से ज्यादा कर दिया है। यह पश्चिम एशिया में प्रवासियों की सबसे बड़ी वृद्धि में से एक है। वहीं, भारतीय अधिकारी मौजूदा वित्त वर्ष में भी इसी तरह की बड़ी संख्या की उम्मीद कर रहे हैं।
रियाद में भारत के राजदूत सुहेल एजाज खान (Suhel Ajaz Khan) ने मीडिया को बताया, “सऊदी अरब में भारतीय समुदाय दोनों देशों के बीच एक जीवंत सेतु का काम रहे हैं। साथ ही सऊदी अरब के आर्थिक विकास में प्रवासी समुदाय का बहुत बड़ा योगदान है।”
सऊदी सरकार आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से परिवर्तन लाने के लिए अपने विजन 2030 कार्यक्रम के तहत गैर-तेल राजस्व को बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ रही है, इसलिए उसका ध्यान विशेष रूप से विनिर्माण, पर्यटन और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में विदेशियों सहित अन्य प्रोफेशनल्स लोगों को काम पर रखने पर है।
भारत ने सऊदी के साथ किया समझौता
भारत के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) ने 2022 में सऊदी अरब की ताकामोल होल्डिंग (एक सरकारी कंपनी जो प्रमुख श्रम क्षेत्रों को सेवाएं देती है) के साथ एक स्किल वैरिफिकेशन तहत भारतीय श्रमिकों को प्रशिक्षित और प्रमाणित करने में मदद करने के लिए समझौता किया है। शुरुआती दौर में 10 व्यवसायों से लेकर अब दोनों पक्षों ने स्किल वैरिफिकेशन कार्यक्रम को 65 व्यवसायों तक विस्तारित कर दिया है। एजाज खान ने कहा, “भर्ती में लगातार वृद्धि हो रही है, हालांकि अब ध्यान ज्यादा स्किल्ड लोगों पर है।”
बता दें कि सऊदी अरब में पंजीकृत भारतीय फर्मों की संख्या 2019 में 400 से बढ़कर लगभग 3,000 हो गई है। इससे अगस्त 2023 तक कुल निवेश लगभग तीन अरब डॉलर का हो गया। ये निवेश प्रबंधन और परामर्श सेवाओं, वित्तीय सेवाओं, निर्माण परियोजनाओं, दूरसंचार, आईटी और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में किए गए हैं।
एक साल में करीब 8 फीसदी बढ़ा भारतीय निर्यात
जानकारी के मुताबिक, 2023-24 में दोनों देशों के बीच व्यापार 43.3 अरब डॉलर का था। इस अवधि के दौरान भारतीय निर्यात 7.8 फीसदी बढ़कर लगभग 12 अरब डॉलर हो गया। भारत वर्तमान में सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है और पश्चिम एशियाई देश की खाद्य सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें अकेले चावल का निर्यात सालाना लगभग एक अरब डॉलर का है।
भारत द्वारा रियायती रूसी तेल की बढ़ती खरीद के बावजूद, सऊदी अरब 2023-24 के दौरान देश का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का स्रोत बना रहा। भारत ने इस अवधि के दौरान सऊदी अरब से 26.5 मीट्रिक टन कच्चे तेल का आयात किया, जो देश के कुल आयात का 14 फीसदी था। सऊदी अरब फर्टिलाइजर उत्पादों के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक है, इसमें डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) फर्टिलाइजर का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत भी शामिल है।