Indian Troops Need To Leave Maldives Says President Mohamed Muizzu: मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि मालदीव पूरी तरह स्वतंत्र होने का इरादा रखता है। ऐसे में द्वीप में तैनात भारतीय सैनिकों को वहां से जाने के लिए कहेंगे। उनकी प्रतिक्रिया किसी भी देश के सैनिक के लिए ऐसी ही है। मुइज्जू ने भारत सरकार से वार्ता भी शुरू कर दी है। उन्होंने दावा किया कि अब तक की बातचीत सकारात्मक रही है। मुइज्जू 15 नवंबर को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
बता दें कि दिल्ली और बीजिंग दोनों ही इस क्षेत्र में प्रभाव के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। मुइज्जू ने अपने चुनावी अभियान के दौरान मौजूदा राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह पर देश की संप्रभुता को सरेंडर करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि सोलिह ने भारत को अनियंत्रित प्रभुत्व दिया।
ऐसा संबंध हो कि दोनों को फायदा पहुंचे
ब्लूमबर्ग टीवी को दिए इंटरव्यू में मुइज्जू ने कहा कि हम भारत के साथ ऐसा संबंध चाहते हैं जिसमें दोनों देशों को फायदा पहुंचे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय सैनिकों की जगह दूसरे देशों के सैनिकों की भी तैनाती नहीं होगी। आगे उन्होंने कहा कि मैं चीन या किसी अन्य देश को अपने सैन्य जवानों को यहां लाने की अनुमति नहीं देने जा रहा हूं।
मुइज्जू को माना जाता है चीन का समर्थक
दरअसल, मुइज्जू को चीन का समर्थक माना जाता है। उनकी जीत के बाद से रणनीतिक रूप से हिंद महासागर पर चीन और भारत के बीच प्रभुत्व को लेकर रस्साकशी बढ़ गई है। मालदीव में आने वाली सरकारों का झुकाव या तो भारत या चीन की तरफ रहा है। क्योंकि दोनों एशियाई महाशक्तियों ने मालदीव के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में भारी निवेश किया है।
मालदीव में क्या कर रहे भारतीय सैनिक
भारत ने मालदीव को 2010 और 2013 में दो हेलीकॉप्टर और 2020 में एक छोटा विमान गिफ्ट किया था। करीब 70 भारतीय सैन्यकर्मी रडार स्टेशनों और विमानों के संचालन और रखरखाव का काम करते हैं।
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