भारत की ओर से चलाए ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ की वायरल तस्वीर को पाकिस्तान सेना ने ‘फैमिली मैन’ बताकर एक बार फिर दुनिया के सामने खुद को झूठा साबित किया है। खुद को पाक साफ बताने के चक्कर में शीर्ष सैन्य अधिकारी ने पाकिस्तान की कलई खोल दी और पाकिस्तान के दावे स्पष्ट हो गया कि वह आतंकवाद और आतंकियों को पनाह देता है। दरअसल, पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (डीजी आईएसपीआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवादियों के अंतिम संस्कार का नेतृत्व करने वाला हाफिज अब्दुर रऊफ आतंकवादी नहीं है।
पाकिस्तान ने फिर बोला झूठ
भारत-पाक के बीच सीजफायर की घोषणा के बाद पाकिस्तान की सेना प्रेस ब्रीफिंग कर रही थी। इसी दौरान एक पत्रकार की ओर से आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ के बारे में सवाल किया गया। इस सवाल के जवाब में पाकिस्तान की सेना ने उसे आतंकी मानने से इनकार किर दिया। डीजी आईएसपीआर ने कहा, ‘वह आतंकवादी नहीं फैमिली मैन है।’ पाकिस्तान को लगा कि उसका यह झूठ पकड़ा नहीं जाएगा, लेकिन पाकिस्तान ने जिसे फैमिली मैन बताया, उसे अमेरिका ने विशेष रूप से नामित ‘वैश्विक आतंकवादी’ घोषित किया है। इस आतंकी का नाम हाफिज अब्दुर रऊफ है। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीर के वायरल होने के बाद पाकिस्तान ने अपनी आतंकी छवि को बचाने के लिए झूठ का सहारा लिया।
पाकिस्तान ने भ्रमित करने की कोशिश की
आतंकी हाफिर अब्दुर रऊफ ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय हवाई हमलों में मारे गए आतंकवादियों के अंतिम संस्कार का नेतृत्व किया था। सोशल मीडिया पर इसकी एक तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ जनाजे में शामिल है और उसके पीछे पाकिस्तानी आर्मी के लोग दिखाई दे रहे हैं। पाकिस्तानी सेना ने हाफिज अब्दुर रऊफ को अब्दुर रऊफ अजहर के साथ जोड़कर इस मुद्दे को भ्रमित करने की भी कोशिश की, जो मसूद अजहर का एक और भाई और जैश-ए-मोहम्मद का एक वरिष्ठ कमांडर था, जिसे कथित तौर पर ऑपरेशन सिंदूर में मार दिया गया था। पाकिस्तान के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (DG ISPR) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने इस बात से साफ इनकार किया कि तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति आतंकवादी है। साथ ही उन्होंने उसे एक धार्मिक नेता और ‘एक आम पारिवारिक व्यक्ति’ बताया। सैन्य प्रवक्ता ने यहां तक कि उस व्यक्ति का राष्ट्रीय पहचान पत्र (सीएनआईसी) भी प्रस्तुत किया, जिसमें उसे पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) का पदाधिकारी और विशेष रूप से इसके ‘कल्याण विंग प्रभारी’ बताया गया।
हाफिज अब्दुर रऊफ कौन है?
पाकिस्तान द्वारा मौलवी के रूप में पहचाने जाने वाले व्यक्ति का नाम हाफिज अब्दुर रऊफ है, जो लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का वरिष्ठ नेता और अब प्रतिबंधित फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) का प्रमुख है। दोनों को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों के तहत आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है। पाकिस्तानी सेना द्वारा जारी CNIC नंबर (35202-5400413-9), नाम और जन्म तिथि (25 मार्च, 1973) अमेरिकी ट्रेजरी विभाग की प्रतिबंध सूचियों में दिए गए विवरण से बिल्कुल मेल खाती है। हाल ही में नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने वायरल तस्वीर को दिखाते हुए तथ्यों और पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व के बयानों के बीच विरोधाभास को उजागर किया था।
अमेरिका ने खोली पोल
अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट के मुताबिक, आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ लश्कर-ए-तैयबा की शीर्ष नेतृत्व टीम में साल 1999 से काम कर रहा है। आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वह फंड इकट्ठा करता है। हाफिज अब्दुर रऊफ सीधे लश्कर प्रमुख हाफिज सईद के अधीन काम करता है और धन उगाहने और प्रशिक्षण कार्यों का प्रबंधन करता है। वह फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (FIF) का भी प्रमुख व्यक्ति रहा है, जो लश्कर का एक मुखौटा है, जो एक चैरिटी के रूप में काम करता है, लेकिन आतंकवादी गतिविधियों को फंडिंग करता है। 26/11 मुंबई हमलों के बाद भारतीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर 24 नवंबर, 2010 को अमेरिका ने एफआईएफ और रऊफ दोनों पर प्रतिबंध लगा दिया था।