India Canada Tensions: बीते दिनों भारत में जी 20 समिट का आयोजन हुआ था, जिसमें कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी शिरकत की थी। उस समय द्विपक्षीय बातचीत के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्रूडो के सामने इस बात पर नाराजगी जाहिर की थी कि उनके देश में खालिस्तानी समर्थक तत्वों की गतिविधियों पर नकेल नहीं कसी जा रही है।
ये बात सामने आते ही दोनों देशों के बीच तनाव के संकेत मिलने शुरू हो गए थे। इसके बाद ट्रूडो जैसे ही कनाडा पहुंचे, उन्होंने संसद में भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर बेतुका बयान दे डाला। ऐसा बयान जिसने भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव की स्थिति पैदा कर दी। आखिर क्या है इस पूरे घटनाक्रम की INSIDE STORY?
पूरी कहानी की शुरूआत होती है, कनाडा के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस में कनाडा के प्रधानमंत्री के भारत के खिलाफ विवादित बयान से। पहले ये जान लीजिए कि आखिर जस्टिन ट्रूडो का वो बयान क्या था?
कनाडाई पीएम ने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों से कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां इस बात की जांच में जुटी हैं कि कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारतीय एजेंट का हाथ हो सकता है।
इस बयान के जरिए ट्रूडो खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर को कनाडा का नागरिक बता रहे हैं और उसकी हत्या का आरोप भारत पर लगा रहे हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ हो सकता है।
सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका की जांच के मद्देनजर कनाडा ने भारत के शीर्ष राजनयिक को भी निष्कासित कर दिया। जैसे ही इसकी खबर भारत को लगी तुरंत विदेश मंत्रालय ने कनाडा के राजनियक को तलब किया और 5 दिन के अंदर भारत में रह रहे एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने का फरमान सुना दिया।
भारत के खिलाफ बयान देकर बुरे फंसे ट्रूडो
अब भारत ने कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया है। ये फैसला हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी भागीदारी पर भारत सरकार की बढ़ती चिंता को दर्शाता है।
उधर, G-20 समिट के दौरान भी जब पीएम मोदी के साथ ट्रूडो की मुलाकात हुई थी तो पीएम मोदी ने सिख अलगाववादी खालिस्तानियों को कनाडा में पनाह देने के मुद्दे को उठाया था। साथ ही कनाडा में भारत के राजनयिकों पर हो रहे हमले पर भी चिंता जाहिर की थी। लेकिन जैसे ही ट्रूडो अपने देश लौटे उनका खालिस्तानी प्रेम उबाल मारने लगा और फिर भारत के खिलाफ बयान देकर वो बुरे फंस गए।
आपको बता दें कि 18 जून को खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की ब्रिटिश कोलंबिया में एक गुरूद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
कौन था हरदीप सिंह निज्जर?
- खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ था
- भारत के टॉप 40 आतंकियों में शामिल था
- भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों लिस्ट में था
- कई सालों से कनाडा में रहकर भारत में आतंकी वारदातों की साजिश रच रहा था
- 23 जनवरी, 2015 को पुलिस ने निज्जर के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया
- 14 मार्च 2016 को निज्जर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया
- खालिस्तानी आतंकी पर 10 लाख का इनाम घोषित किया गया था
उधर, भारत की नाराजगी और उसके एक्शन को देखते हुए अब ट्रूडो के सुर बदलने लगे हैं। ट्रूडो ने अपने ताजा बयान में कहा है कि वो भारत को उकसाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। वो बस इतना चाहते हैं कि भारत इस मामले को गंभीरता से ले।
कनाडा और भारत के बीच विवाद से होगा ये असर
कनाडा और भारत के बीच शुरू हुए विवाद से दोनों देशों के बीच व्यापार ही नहीं, बल्कि वहां रह रहे लोगों पर भी असर पड़ेगा। सबसे ज्यादा मार पंजाबियों पर पड़ेगी। बता दें कि कनाडा में भारतीय मूल की आबादी में सबसे ज्यादा संख्या पंजाब के लोगों की है।
कनाडा की कुल जनसंख्या का 2.6 प्रतिशत यानी 9 लाख 42 हजार 170 पंजाबी वहां रहते हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि भारत और कनाडा के बीच बढ़ी तल्खी कौन सा नया मोड़ लेती है?
वांटेड लिस्ट में था निज्जर
खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) ने इस पूरे हत्याकांड को अंजाम तक पहुंचाया था। बता दें कि सिख फॉर जस्टिस पर भारत में प्रतिबंध है। बीते दिनों कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में हुए खालिस्तान पर हुए जनमत संग्रह में भी सिख फॉर जस्टिस संगठन का ही हाथ था। एनआईए ने हरदीप सिंह निज्जर के खिलाफ देश में हमलों की साजिश रचने के आरोप में केस दर्ज किया था।
दूसरे बड़े खालिस्तानी आतंकी की मौत
पिछले कुछ दिनों में दो बड़े खालिस्तानी आतंकियों की मौत हो चुकी है। कुछ दिन पहले ब्रिटेन में अवतार सिंह खांडा की मौत हो गई थी, जो खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का ब्रिटेन चीफ था।