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निकल गई कनाडा की हेकड़ी; भारतीय बाजार से बाहर निकलने से पहले सौ बार सोचेंगे ट्रूडो

India Canada Tensions, नई दिल्ली: खालिस्तानी निज्जर की हत्या के बाद उपजे विवाद के बीच कनाडा का रुख नरम पड़ता नजर आ रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का एक नया बयान आया है। वहां के अखबार नेशनल पोस्‍ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रूडो ने मान लिया है कि दुनियाभर में भारत का […]

Edited By : Balraj Singh | Updated: Sep 29, 2023 15:30
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India Canada Tensions, नई दिल्ली: खालिस्तानी निज्जर की हत्या के बाद उपजे विवाद के बीच कनाडा का रुख नरम पड़ता नजर आ रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का एक नया बयान आया है। वहां के अखबार नेशनल पोस्‍ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रूडो ने मान लिया है कि दुनियाभर में भारत का कद और प्रभाव बढ़ रहा है। ऐसे में  कनाडा और उसके सहयोगियों का भारत के साथ जुड़े रहना बेहद महत्वपूर्ण पहलू है। दरअसल, बीच में खबर आई थी कि मंदी की आशंका जैसे कारणों से विदेशी निवेशकों की चिंता बढ़ गई है। अब ट्रूडो के बयान पर गौर करें तो भारतीय बाजार में निवेश से हाथ खींचने से पहले कनाडा को सौ बार सोचना पड़ेगा।

  • भारतीय स्टॉक एक्सचेंज के पास उपलब्ध ब्लॉक डील डेटा के अनुसार कनाडा से संबंधित कोई बिक्री अब तक नहीं हुई

बता दें कि गुरुवार को मॉन्ट्रियल में एक प्रेस ब्रीफिंग में ट्रूडो ने भारत के साथ चल रहे मौजूदा तनाव को लेकर बात की है। उन्हें लगता है कि कनाडा और उसके सहयोगियों के लिए विश्व पटल पर भारत के बढ़ते महत्व को समझना बहुत जरूरी है। इस बयान पर गौर करें तो ट्रूडो ने आखिर मान लिया कि भारत एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति और एक महत्वपूर्ण भू-राजनैतिक खिलाड़ी है। ट्रूडो ने अपनी इंडो-पैसिफिक नीति को भी दोहराया, जिसमें कनाडा भारत के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखने में रुचि रखता है। कनाडाई पीएम के इन बयानों से ऐसा लगता है कि वह भारतीय बाजार छोड़ने से पहले सौ बार सोचेंगे।

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बता दें कि भारतीय स्टॉक एक्सचेंज के पास उपलब्ध ब्लॉक डील डेटा के अनुसार कनाडा से संबंधित कोई बिक्री अब तक नहीं हुई है। ये ऐसे समय में हुआ जब कनाडा और भारत का मुद्दा गरमाया हुआ है। सितंबर में विदेशी निवेशकों ने भारत से 12,000 करोड़ रुपए निकाले हैं। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, यह रिटर्न दरअसल यूएस फेड की सख्त नीतियों का नतीजा है। असल में कनाडाई पेंशन फंड भारतीय शेयर बाजार में भारी निवेश करता है। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, दुनिया में सबसे बड़ी चीज रिटर्न है, जो भारतीय बाजार में मजबूत है। ऐसे में कनाडा अपने निवेश से छेड़छाड़ नहीं कर सकता।

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बाजार विशेषज्ञ अजय बोडके के मुताबिक, स्टॉक एक्सचेंज से उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर, यदि कनाडाई निवेशकों द्वारा अब तक कोई बिक्री नहीं देखी गई है तो इसके और बढ़ने की संभावना अधिक नहीं है। भारत एक एफपीआई प्रिय और सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। ऐसे में भारत और कनाडा के बीच कुल वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार लगभग 8 बिलियन डॉलर है। कनाडा के दो सॉवरेन फंड सीपीपीआईबी और सीडीपीक्यू की एक दर्जन घरेलू शेयरों में हिस्सेदारी है। डिपॉजिटरी एनएसडीएल के अनुसार, घरेलू देश कनाडा में 818 रजिस्टर्ड एफपीआई थे। अगस्त के अंत तक, कनाडाई विदेशी निवेशकों ने 1,50,871 करोड़ रुपए का प्रबंधन किया था।

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हालांकि इसी के साथ ट्रूडो ने निज्‍जर की हत्या के मामले में अपनी पहले वाली बात को भी दोहराया है।  ट्रूडो ने कहा, ‘उसी समय हमें इस बात पर जोर देने की जरूरत है कि भारत को यह सुनिश्चित करने के लिए कनाडा के साथ काम करने की जरूरत है कि हमें इस मामले के पूरे तथ्य मिलें’। वहीं, इससे पहले निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर लगाए गए आरोपों के संबंध में भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने मंगलवार को संयुक्त राष्‍ट्र महासभा में अपने संबोधन के बाद न्यूयॉर्क में विदेश संबंध परिषद में बातचीत के दौरान कहा था, ‘भारत सरकार की नीति नहीं है’।

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Balraj Singh

First published on: Sep 29, 2023 03:30 PM
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