नई दिल्ली: खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच पैदा हुई तल्खी कम होने का नाम ही नहीं ले रही। इसी बीच देश के खिलाफ दोहरी साजिश उभरकर आती दिख रही है। एक ओर पंजाब में खालिस्तान समर्थकों ने कनाडा को थैंक्स कहा तो दूसरी तरफ कनाडा में हमारे तीन राजनयिकों की हत्या ऐलान कर दिया गया। इस संबंधी पोस्टर भी कनाडा में लगाए जा रहे हैं। हालांकि यह अलग बात है कि अपनों और बेगानों दोनों की साजिश को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए देश की केंद्रीय और राज्य स्तर की खुफिया एजेंसियां भी ऐसी गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हुए हैं।
गौरतलब है कि 18 जून 2023 को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में स्थित गुरुद्वारा गुरु नानक के पास हरदीप सिंह निज्जर नामक शख्स को किसी ने गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था। यह शख्स कनाडा में संबंधित गुरुद्वारे का अध्यक्ष था तो इसी के साथ खालिस्तानी गतिविधियों और पंजाब में टारगेट किलिंग जैसी वारदातों में लिप्त होने के चलते भारत सरकार की तरफ से उसे आतंकी घोषित किया हुआ था। कनाडा की सरकार ने खालिस्तान समर्थक की हत्या को लेकर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की तो दोनों देशों के बीच तल्खी बढ़ गई। नौबत वीजा कैंसल करने तक की आ गई। हालांकि इस संबंध में कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों को आज तक कोई सुराग-सबूत नहीं मिल पाया है।
21 अक्टूबर को ‘किल इंडिया’ के नारों के साथ रैली निकालने का प्लान
इस प्रकरण के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में आए तनाव के कुछ कम होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं, इसी बीच एक और नई साजिश का पर्दाफाश हुआ है। कनाडा अपने आप को भारत से खालिस्तानियों और हार्ड कोर गैंगस्टर्स की शरणस्थली बनने से हजार बार नकार चुका है, लेकिन सच्चाई यही है कि बावजूद इसके वहां भारत विरोधी साजिशें पनप रही हैं।
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दरअसल, हालिया स्थिति में कनाडा के सरे स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु नानक में चरमपंथियों की तरफ से भारतीय राजनयिकों की हत्या की मांग संबंधी पोस्टर लगाए गए हैं, जो खासे विवाद का कारण बने हुए हैं। यहां इस विवाद में खास बात यह है कि ये वही गुरुद्वारा है, जिसका अध्यक्ष हरदीप सिंह निज्जर था। अब 21 अक्टूबर को खालिस्तानी समर्थकों ने एक बार फिर वैंकूवर में भारतीय दूतावास के सामने ‘किल इंडिया’ जैसे नारों के साथ कार रैली निकालने की प्लानिंग की है, वहीं इस गुरुद्वारे के बाहर लगे पोस्टर भारतविरोधी साजिश की तरफ साफ-साफ इशारा कर रहे हैं।
भीतरघातियों की शमूलियत की आई बू, शिरोमणि अकाली दल-अमृतसर की तरफ से की गई कनाडा को धन्यवाद कहने संबंधी अपील
उधर, भारतविरोधी इस साजिश में भीतरघातियों की शमूलियत भी कहीं न कहीं साफ नजर आ रही है। बता देना जरूरी होगा कि 9 अक्टूबर को पंजाब में कनाडा थैंक्सगिविंग डे मनाने का आह्वान किया गया था। इसकी तैयारियों को लेकर एक और पोस्टर सामने आया। इस पोस्टर में खालिस्तानी विधारधारा के जनक जरनैल सिंह भिंडरांवाला के अलावा मारे गए चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर, कनाडा के कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, भारतीय सांसद सरमनजीत सिंह मान (पंजाब के संगरूर से शिरोमणि अकाली दल अमृतसर के इकलौते सांसद) और कुछ अन्य स्थानीय इकाई के नेताओं की तस्वीरें हैं। इसमें शिरोमणि अकाली दल-अमृतसर की तरफ से अपील की गई है कि इस पोस्टर में कहा गया है कि सिखों और मानवाधिकार प्रेमियों को 9 अक्टूबर को कनाडा के साथ थैंक्सगिविंग डे मनाना चाहिए। हालांकि गनीमत है कि अभी तक पंजाब से इस तरह की कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई है।
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सुरक्षा एजेंसियां के कान खड़े, राजनैतिक गलियारों में भी हो रही आलोचना
सूत्रों की मानें तो इन दोनों ही तरह की जानकारियों के बाहर आने के बाद न सिर्फ केंद्रीय, बल्कि पंजाब की राज्य स्तर की खुफिया एजेंसियां एकदम पैनी नजर बनाए हुए हैं। दूसरी ओर राजनैतिक गलियारों में इस साजिश की आलोचना का दौर जारी है। इस बारे में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता अमित तनेजा का कहना है कि सांसद मान ने लोकसभा में जाने से पहले भारतीय संविधान की शपथ ली थी और अब वह उसी संविधान के खिलाफ देश को तोड़ने की साजिश रच रहे हैं, लेकिन उनके मंसूबे कामयाब नहीं होंगे। पंजाब में मिलकर रह रहा हिंदू-सिख समुदाय इसका उदाहरण है। इसी के साथ कनाडा में इस साजिश का काफी विरोध हो रहा है। कनाडा में रह रहे भारतीय मूल के जोगिंदर सिंह बस्सी का कहना है कि कुछ लोग भारत और कनाडा के रिश्तों को जान-बूझकर खराब करने की फालतू की कोशिशों में लगे हुए हैं। खालिस्तानी भारत को तोड़ना चाहते हैं और इस वजह से दोनों देशों के बीच काफी तनाव है। कनाडा में भारतीय राजदूत की हत्या के लिए लोगों को उकसाना एक गंभीर अपराध है, जो किसी भी सूरत में सिरे नहीं चढ़ सकता।