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Gen-Z की वो 5 शर्तें, जिन्हें मानने के बाद ही नेपाल में बनी सुशीला कार्की की अंतरिम सरकार

Nepal Gen-Z Conditions: नेपाल में सुशीला कार्की की अंतरिम सरकार Gen-Z की 5 शर्तें मानने के बाद बनी है. विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बाद पूर्ण समर्थन के बावजूद सुशील कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनने के लिए काफी खींचतान करनी पड़ी. हालांकि Gen-Z सरकार का हिस्सा नहीं बनेंगे, लेकिन उनकी शर्तें सुशीला कार्की को जरूर पूरी करनी होंगी.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Sep 13, 2025 08:45
Sushila Karki | Nepal Intrim PM | Gen-Z Protests
सुशीला कार्की को आम चुनाव कराने के लिए 6 महीने का समय दिया गया है।

Nepal Gen-z Conditions: नेपाल में सुशीला कार्की की अंतिरम सरकार यूं ही नहीं बन गई, बल्कि सरकार बनाने के लिए काफी खींचतान करनी पड़ी और Gen-z की 5 शर्तें माननी पड़ीं. हालांकि सुशीला कार्की का बतौर अंतरिम प्रधानमंत्री नाम 2 दिन पहले ही फाइनल हो गया था, लेकिन शर्तों पर विचार-विमर्श करके उन्हें मानने के बाद ही सुशील कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के पद पर बिठाया गया और रात को ही शपथ दिलाकर सरकार गठित कर दी गई.

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आइए वो 5 शर्तें जानने हैं, जिन्हें मानने के बाद नेपाल में अंतरिम सरकार बन पाई…

पहली शर्त यह है कि नेपाल में अगले 6 से 12 महीने में आम चुनाव कराएं जाएंगे, ताकि जनता को अपना प्रतिनिधि चुनने का मौका मिले. इस शर्त को मान लिया गया और सुशीला कार्की को अगले 6 महीने के अंदर 5 मार्च 2026 का आम चुनाव कराने का कहा गया.

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दूसरी शर्त यह है कि नेपाल की संसद को भंग कर दिया जाए, जिसे मान लिया गया. सुशीला कार्की ने पद ग्रहण करते ही कैबिनेट मीटिंग बुलाई और संसद को भंग करने का प्रस्ताव पास कराकर राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से हस्ताक्षर कराकर संसद को भंग कर दिया गया.

तीसरी शर्त यह है कि नेपाल में अब एक ऐसा शासन कायम होना चाहिए, जिसमें नागरिकों और सेना दोनों के प्रतिनिधि हों. इस शर्त पर विचार-विमर्श और खींचतान के कारण ही सुशीला कार्की को बतौर अंतरिम प्रधानमंत्री शपथ दिलाने में 2 दिन का समय लग गया.

यह भी पढ़ें: क्या है नेपाल के संविधान की धारा 61, जिसके तहत PM बनीं सुशीला कार्की, राष्ट्रपति ने किया ऐलान

चौथी शर्त यह है कि नेपाल में जितने भी राजनीतिक दल, मंत्री, सांसद और नेता हैं, उनकी संपत्ति में भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए. इस शर्त को मानते हुए सुशीला कार्की ने एक भ्रष्टाचार निवारक आयोग गठित कर दिया है, जिसे जांच करके जल्द रिपोर्ट देने को कहा गया है.

5वीं शर्त यह है कि Gen-Z आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हुई हिंसा की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराई जाए. इस शर्त को भी मान लिया गया और अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने न्यायिक आयोग गठित करके जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट देने को कहा.

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राष्ट्रपति भवन में दिलाई गई शपथ

बता दें कि 2 दिन चली खींचतान के बाद सुशीला कार्की बीती रात नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं. उन्हें रात करीब 9 बजे पद की गोपनीयता की शपथ दिलाई गई. शपथ ग्रहण समारोह काठमांडू में राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के सरकारी आवास शीतल निवास में हुआ, जिसमें Gen-Z कोर कमेटी के सदस्य भी शामिल हुए.

लेकिन Gen-Z ने सरकार का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया, बल्कि सरकार के कामकाज की निगरानी कराने का फैसला किया. शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति राम सहाय प्रसाद यादव, चीफ जस्टिस, नेपाल के कई बड़े अधिकारी, डिप्लोमैट्स और भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्तव भी मौजूद रहे.

First published on: Sep 13, 2025 06:59 AM

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