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पुतिन के बाद चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी जी-20 समिट से बना सकते हैं दूरी, जानिये वजह

G-20 Summit 2023: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर करीब तीन साल से अधिक समय से चल रहे तनाव का असर जी-20 सम्मेलन पर भी दिखाई दे सकता है। मिली जानकारी के अनुसार, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत आने पर संशय बना हुआ है।  बताया जा रहा है […]

Edited By : jp Yadav | Updated: Aug 31, 2023 15:02
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Chinese President Xi Jinping
Chinese President Xi Jinping

G-20 Summit 2023: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर करीब तीन साल से अधिक समय से चल रहे तनाव का असर जी-20 सम्मेलन पर भी दिखाई दे सकता है। मिली जानकारी के अनुसार, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत आने पर संशय बना हुआ है।  बताया जा रहा है कि चीनी राष्ट्रपति जी-20 सम्मेलन से दूरी बना सकते हैं।

इसके पीछे भारत-चीन सीमा पर चल रहे तनाव को एक बड़ी और अहम वजह बताया जा रहा है, जो हाल ही में चीन द्वारा मैप जारी करने पर अधिक हुआ है। समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, इस तरह की जानकारी सामने आ रही है कि चीन राष्ट्रपति शी जिनपिंक भारत दौरे पर जी-20 सम्मेलन में भाग लेने नहीं आएंगे।

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चीन के पीएम आ सकते हैं जी-20 में

चीन स्थित एक भारतीय राजनयिक और जी-20 में सरकार के लिए काम करने वाले एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि शी जिनपिंग के स्थान पर प्रधानमंत्री ली कियांग बैठक में बीजिंग का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।

यहां पर बता दें कि पिछले दिनों चीन द्वारा जारी आधिकारिक नक्शे में भारत के अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपने क्षेत्र में दिखाया है। भारत के एतराज पर भी चीन ने इस अपना रुख पुराना वाला ही रखा है और इसे बेहद सामान्य बात कही है। वहीं, भारत अपनी ओर से चीनी मैप को लेकर बयान जारी कर कह चुका है कि चीन का दावा गलत है और अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन भारत का अभिन्न अंग है और ये भारत का ही हिस्सा रहेंगे।

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उधर, चीन की इस हरकत को लेकर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा था कि चीन ऐसे बेतुके दावे करता रहता है, ऐसा करना उसकी पुरानी आदत है।

उधर, पड़ोसी देश से आई प्रतिक्रिया में अधिकारी का कहना है कि चीन की संप्रुभता और अखंडता का ध्यान रखते हुए इस नक्शे को जारी किया गया है। हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष उद्देश्यपूर्ण और शांत रह सकते हैं, और मुद्दे की अधिक व्याख्या करने से बच सकते हैं।

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यहां पर बता दें कि वर्ष 1962 चीन और भारत के बीच युद्ध के बाद 1970 में पूर्वी लद्दाख से लगी एलएसी से भारत ने अपनी सेना हटा ली थी। इसके बाद चीनी सैनिकों की घुसपैठ भी बढ़ गई। इसके बाद सीमा विवाद गहराया हुआ है।

 

 

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Written By

jp Yadav

First published on: Aug 31, 2023 11:53 AM

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