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‘राज्य का अधिकार देना उनका हक… इनाम नहीं’, फ्रांस ने क्यों दी फिलिस्तीन को मान्यता?

France Recognises Palestinian Statehood: कनाडा, ब्रिटेन, पुर्तगाल और ऑस्ट्रेलिया ने फिलिस्तीन राज्य को मान्यता दे दी थी. अब यूएन बैठक में फ्रांस ने भी फिलिस्तिनियों की उम्मीद जगा दी है, उन्हें राष्ट्र की मान्यता देकर. UN प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस कहते हैं कि ये उनका अधिकार है कोई इनाम नहीं.

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Sep 23, 2025 08:05
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France Recognises Palestinian Statehood: संयुक्त राष्ट्र की बैठक में फ्रांस ने भी फिलिस्तान राज्य की मांग को उजागर कर दिया है. उन्होंने फिलिस्तनियों को राज्य का हक देने पर कहा है कि ये उनका अधिकार है न ही कोई इनाम. ऐसा करने के पीछे उनकी मनशा शांति की बहाली करना बताया जा रहा है. फ्रांस द्वारा उठाया गया यह कदम फिलिस्तीन राज्य अधिकार की प्राप्ति के लिए ग्लोबल लेवल पर मजबूती देगा. ऐसा संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान किया गया है. इस आयोजन का मकसद इजरायल-फिलिस्तीन विवाद के टू-नेशन समाधान के लिए नए स्तर पर समर्थन को बढ़ावा देना है.

UNGA मीटिंग में मैक्रों ने की घोषणा

फ्रांसिसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन को राष्ट्र की मान्यता दे दी है. इस पर दुनिया के 140 नेताओं ने जोर-शोर से तालियां बजाकर उनके फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने बोला कि ‘मिडिल ईस्ट और इजरायलियों और फिलिस्तीनियों के बीच शांति के लिए मेरे देश की ऐतिहासिक प्रतिबद्धता के अनुसार से मैं आज घोषणा करता हूं कि फ्रांस फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देता है’.

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‘फिलिस्तीन को राज्य की मान्यता देना उनका एक अधिकार’

UN के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी फिलिस्तीनियों के लिए राज्य के दर्जे की मांग को बल दिया है. उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनियों को राज्य का अधिकार देना इनाम नहीं है बल्कि उनका हक है. गुटेरेस ने यह भी कहा कि फिलिस्तीन पर कब्जा और उनके अधिकारों को दबाना अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ है. फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देना जरूरी है, ताकि वहां के लोगों को न्याय और समान अधिकार मिल सकें.

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इजरायल देगा जवाब

वहीं, दूसरी ओर इस्राइल और उसके समर्थक देशों का मानना हैं कि फिलिस्तीन को राज्य का दर्जा देना गलत होगा, क्योंकि इससे चरमपंथी समूहों को ताकत मिल सकती है. नेतन्याहू सरकार ने भी इस फैसले का विरोध किया है और कहा है कि इससे हमास को ताकत मिलेगी. इजरायली पीएम नेतन्याहू का स्पष्ट कहना है कि हम जवाब देने में एकतरफा कदम भी उठा सकते हैं.

ये भी पढ़ें-UNGA क्या है, ट्रंप का भाषण क्यों महत्वपूर्ण, क्या करेंगे कोई बड़ा ऐलान?

First published on: Sep 23, 2025 06:45 AM

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