Elon musk America Party Challenges: अमेरिका के 249वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर वहां दो बड़े घटनाक्रम हुए। पहला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बहुचर्चित वन बिग ब्यूटीफुल कानून लागू किया। दूसरा, टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने अपनी नई ‘अमेरिका पार्टी’ बनाने का ऐलान किया है। बता दें बीते राष्ट्रपति चुनाव में मस्क ट्रंप के साथ थे और दोनों की जोड़ी के चलते ही ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी की सत्ता में वापसी हुई है। अब जब मतभेद के बाद दोनों अलग हैं और मस्क ने अपनी अलग पार्टी का गठन किया है तो उनकी पार्टी सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियां आएंगी।
वैसे तो अमेरिका में 238 राज्य-स्तरीय दल हैं और 55 अलग-अलग बैलट-योग्य राजनीतिक दल हैं ( जो चुनाव लड़ सकती हैं)। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार एलन मस्क की पार्टी के सामने अमेरिका की राजनीतिक, कानूनी संरचना, सामाजिक धारणाओं और मस्क की व्यक्तिगत छवि से जुड़ी कुछ चुनौतियां हैं।
By a factor of 2 to 1, you want a new political party and you shall have it!
When it comes to bankrupting our country with waste & graft, we live in a one-party system, not a democracy.
---विज्ञापन---Today, the America Party is formed to give you back your freedom. https://t.co/9K8AD04QQN
— Elon Musk (@elonmusk) July 5, 2025
अमेरिका में सालों से दो-पक्षीय प्रणाली का प्रभुत्व
संयुक्त राज्य अमेरिका में राजनीति मुख्य रूप से दो दलों डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी के इर्द-गिर्द घूमती है। डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थापना 1828 में हुई थी, जो प्रगतिशीलता, सामाजिक समानता, सरकारी हस्तक्षेप और सामाजिक कल्याण पर काम करने का दावा करती है। वहीं, दूसरी तरफ रिपब्लिकन पार्टी है, जिसकी स्थापना 1854 में हुई थी। जो रूढ़िवाद, सीमित सरकार, मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था को अपने मुद्दे बताती है।
तीसरे दल के लिए अनुकूल नहीं अमेरिका की राजनिति, बैलट एक्सेस है बड़ी चुनौती
आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि अमेरिका में छोटे दलों को केवल 30% तक ही वोट पड़ते हैं। यहां तीसरे दल के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त करना कठिन है। इसके अलावा यहां बैलट एक्सेस की जटिलताएं किसी पार्टी के लिए चुनाव जीतने में बड़ी बाधा है। दरअसल, यहां हर स्टेट में बैलट एक्सेस के लिए अलग-अलग नियम हैं, जिनमें हस्ताक्षर संग्रह और कानूनी प्रक्रियाएं शामिल हैं। अमेरिका पार्टी को सभी 50 राज्यों में मान्यता प्राप्त करने के लिए भारी वित्तीय और संगठनात्मक संसाधनों की आवश्यकता होगी। राजनीतिक एक्सपर्ट मानते हैं कि इसमें सालों लग सकते हैं और ये यहां 2026 के मध्यावधि चुनावों के लिए असंभव है।
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति होते हुए भी एलन मस्क की पार्टी को हो सकती है पैसों की किल्लत
जानकारी के अनुसार अमेरिका में किसी भी राजनीतिक पार्टी को औपचारिक रूप से मान्यता मिलने के बाद उसे संघीय चुनाव आयोग (FEC) के नियम पालन करने होंगे। आयोग के नियमों के तहत पार्टी पर दान की सीमाएं लागू होंगी। अमेरिका में राजनीतिक पार्टियों को व्यक्तिगत दान प्रति वर्ष 8.35 लाख (राज्य स्तर) या 36.99 लाख (राष्ट्रीय स्तर) तक सीमित हैं। बता दें यह एलन मस्क की सुपर PAC (America PAC) के माध्यम से दान की सुविधा से अलग है। सुपर PAC एक ऐसा स्वतंत्र राजनीतिक संगठन है, जो अमेरिका में राजनीतिक अभियानों का समर्थन करने के लिए धन जुटाता है और खर्च करता है। नियमों के अनुसार सुपर पीएसी धनराशि को सीधे उम्मीदवार या उनकी आधिकारिक अभियान समितियों को नहीं दे सकता। मस्क ने 2024 में इसकी स्थापना की जिसका मुख्य उद्देश्य डोनाल्ड ट्रंप के 2024 के राष्ट्रपति अभियान का समर्थन करना था।
मतदाताओं का आधार बनाना मुश्किल
अमेरिकी मीडिया के अनुसार यहां दोनों बड़ी पार्टियों डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन के बीच मध्यमार्गी मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करना बड़ा कठिन काम है। अमेरिका पार्टी के सामने अपने मतदाताओं का आधार बनाने बेहद मुश्किल होगा। जबकि मस्क का दावा है कि उनकी पार्टी के पास 80% लोग हैं।
⚠️ BREAKING: Elon Musk launches the “America Party” to challenge U.S. politics 🇺🇸
Says the 2-party system is broken.
Trump hits back:
– Threatens to deport Musk
– Cut Tesla/SpaceX contractspic.twitter.com/QWPjM8EYNB— Prashant (@prashant10gaur) July 5, 2025
मस्क की व्यक्तिगत छवि और अलोकप्रियता
एलन मस्क और ट्रंप के बीच विवाद अब सार्वजनिक है, जो उनकी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा सकता है। जबकि सबने देखा कि किस तरह उन्होंने बीते राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को जीताने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के खिलाफ काम किया। इसके अलावा हाल ही में आई क्विनिपियाक यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि 59% स्वतंत्र मतदाताओं में उनकी अलोकप्रियता है, और उनकी अनुकूलता रेटिंग करीब 18 अंक है।
क्या केवल ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के वोट बैंक को पहुंचाएंगे नुकसान?
न्यूज वीक की एक खबर के अनुसार अमेरिका पार्टी अगले चुनाव में रिपब्लिकन वोट बैंक पर असर डालेगी। इसका डेमोक्रेटिक पार्टी को फायदा मिलेगा। इतिहास से उदाहरण लें तो 1992 में रॉस पेरोट की रिफॉर्म पार्टी ने 19% वोट हासिल किए, लेकिन इसका कोई इलेक्टोरल कॉलेज प्रभाव नहीं पड़ा लेकिन इससे रिपब्लिकन उम्मीदवार को नुकसान पहुंचा था। इसके अलावा एलन मस्क में राजनीतिक पार्टी चलाने का कोई संगठनात्मक अनुभव नहीं है और उनमें धैर्य की बेहद कमी है। आए दिन वह अपने बयानों को लेकर मीडिया की सुर्खियों में बने रहते हैं।
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