Elon Musk Withdraw Back Funding to India: अवैध अप्रवासियों को निवार्सित करके भारत डिपोर्ट करने के बाद ट्रंप की सरकार में अहम जिम्मेदारी निभा रहे एलन मस्क ने नया दांव खेला है। एलन मस्क के नेतृत्व वाले सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने अमेरिका की ओर से दूसरे देशों को दी जाने वाली अंतर्राष्ट्रीय सहायता के लिए बजट में कटौती कर दी है।
इसमें भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए दी जाने वाली 21 मिलियन डॉलर (1,82,00,35,350 करोड़) की फंडिंग भी शामिल है। इस पर रोक लगा दी गई है। DOGE ने शनिवार को भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर की फंडिंग रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी किया। भारत, नेपाल, बांग्लादेश और मोजाम्बिक समेत कई देशों में चलाए जा रहे कार्यक्रमों की फंडिंग में कटौती की गई है।
US taxpayer dollars were going to be spent on the following items, all which have been cancelled:
– $10M for “Mozambique voluntary medical male circumcision”
– $9.7M for UC Berkeley to develop “a cohort of Cambodian youth with enterprise driven skills”
– $2.3M for “strengthening…---विज्ञापन---— Department of Government Efficiency (@DOGE) February 15, 2025
DOGE ने जारी किया ऑफिशियल स्टेटमेंट
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आधिकारिक DOGE हैंडल ने पोस्ट किया, जिसमें रद्द किए गए फंडिंग प्रोग्राम्स की सूची है। DOGE के बयान में कहा गया है कि अमेरिका के टैक्सपेयर्स का पैसा निम्नलिखित मदों पर खर्च किया जाने वाला था, जिन्हें रद्द कर दिया गया है। इसमें भारत में मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए दिया जाने वाला 21 मिलियन डॉलर का फंड शामिल है।
यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए कार्यकाल में लिया गया महत्वपूर्ण फैसला है, जिसके तहत सरकारी खर्च को कम करने के प्रयास के रूप में विदेशों को आर्थिक मदद में कटौती को प्राथमिकता दी गई है। DOGE के प्रमुख एलन मस्क ने बार-बार जोर देकर कहा है कि अगर यह कटौती न की जाए तो अमेरिका दिवालिया हो जाएगा। इसलिए भारत के चुनाव के समय मतदाता भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए 21 मिलियन डॉलर अब नहीं दिए जाएंगे।
– $486M to the “Consortium for Elections and Political Process Strengthening,” including $22M for “inclusive and participatory political process” in Moldova and $21M for voter turnout in India.
$21M for voter turnout? This definitely is external interference in India’s electoral… https://t.co/DsTJhh9J2J
— Amit Malviya (@amitmalviya) February 15, 2025
भाजपा नेता अमित मालवीय ने उठाए सवाल
रिपोर्ट के अनुसार, यह फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के कुछ ही दिन बाद आया है, जहां दोनों नेताओं ने अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा की। वहीं यह जानकारी सामने आने के बाद भाजपा के सोशल मीडिया प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर अपनी चिंता व्यक्त की और इस तरह की फंडिंग पर सवाल उठाया। मालवीय ने पोस्ट लिखी कि भारत में मतदाताओं के लिए 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर? यह निश्चित रूप से भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप है। इससे किसे लाभ होगा? निश्चित रूप से सत्तारूढ़ पार्टी को तो नहीं!
भारत के अलावा इन देशों की फंडिंग भी रोकी गई
- बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने के लिए 29 मिलियन डॉलर
- नेपाल में राजकोषीय संघवाद और जैव विविधता संरक्षण के लिए 39 मिलियन डॉलर
- मोजाम्बिक स्वैच्छिक चिकित्सा पुरुष खतना के लिए 10 मिलियन डॉलर
- लाइबेरिया में मतदाता विश्वास के लिए 1.5 मिलियन डॉलर
- माली में सामाजिक सामंजस्य के लिए 14 मिलियन डॉलर
- दक्षिण अफ्रीका में समावेशी लोकतंत्र के लिए 2.5 मिलियन डॉलर
- एशिया में शिक्षण परिणामों में सुधार के लिए 47 मिलियन डॉलर