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सीधे द‍िमाग पर अटैक…मच्‍छर फैला रहे नया खतरनाक वायरस, क्‍या है वो बीमारी ज‍िसकी वजह से लगा ‘लॉकडाउन’

Eastern Equine Encephalitis: ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस (EEE) के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। नई बीमारी के बारे में बताया जा रहा है कि इससे ठीक होने के बाद भी खतरा रहता है। ये बीमारी क्या है? किस वायरस की वजह से फैल रही है? इसके बारे में विस्तार से बात करते हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Aug 24, 2024 19:14
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mosquitoes

US Latest News: साधारण मच्छरों की वजह से गंभीर बीमारी फैल रही है। अमेरिका में इस बीमारी के कारण फिर से लॉकडाउन जैसे हालात बन गए हैं। यूएस में अभी तक 29 मामले ईस्टर्न इक्वाइन इंसेफेलाइटिस (EEE) के सामने आ चुके हैं। इस दुर्लभ बीमारी के कारण इस साल अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसे चिंता का विषय बताया है। इस बीमारी के सालभर में 7 से ज्यादा मामले सामने नहीं आते थे।

2012 में मिले थे 15 केस

मेयो क्लीनिक संक्रामक रोग सीरोलॉजी प्रयोगशाला की निदेशक डॉ. एलीट्ज़ा थील ने इस खतरनाक बताया है। उनका कहना है कि जो लोग इस बीमारी से बच जाते हैं, वे भी ठीक से काम नहीं कर पाते। आखिर ईईई क्या है? इसके बारे में आपको विस्तार से जानने की जरूरत है। इस बीमारी के कारण मस्तिष्क में सूजन पैदा होती है। पक्षियों को काटने से मच्छर संक्रमित हो जाते हैं। इसके बाद वे जब इंसानों को काटते हैं तो उनमें बीमारी आ जाती है। मच्छर घोड़ों को भी काटकर उनमें ये बीमारी फैला सकते हैं।

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इस साल संक्रमण की दर अधिक है। इससे पहले 2012 में इस बीमारी के 15 केस मिले थे। इस साल 29 लोगों में ये दुर्लभ बीमारी सामने आ चुकी है। अधिकारियों का मानना है कि बीमारी के और भी केस मिल सकते हैं। 30 फीसदी मरीजों की मौत संक्रमित होते ही हो जाती है। इस बीमारी के कारण पैरालिसिस, दौरे और तंत्रिका तंत्र फेल हो जाता है। संक्रमण के 10 दिन बाद मरीज की आमतौर पर मौत हो जाती है।

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मिशिगन में एक मरीज की मौत

मिशिगन में जिस मरीज की मौत हुई, वह 9 दिन पहले तक स्वस्थ था। अधिकतर केस ट्राइस्टेट इलाकों मिशिगन और मैसाचुसेट्स में सामने आ रहे हैं। न्यू जर्सी में भी 2 केस मिले हैं। अमेरिका के 13 राज्यों बर्लिंगटन, अटलांटिक, केप मे, ग्लूसेस्टर, कैमडेन, मोनमाउथ, हंटरडन, ओशन, सेलम, मॉरिस, यूनियन, वॉरेन में 65 प्रजाति के मच्छरों की जांच की गई है। वहीं, कनेक्टीकट में दो मरीजों की मौत हो चुकी है। 77 वर्षीय महिला अगस्त में इस बीमारी से ग्रस्त हो गई थी।

2013 के बाद पहली बार इस राज्य में EEE से मौत हुई है। EEE फैलाने वाले वाहक मच्छर कनेक्टिकट के 12 शहरों में मिले हैं। न्यूयॉर्क में कोई केस तो नहीं मिला, लेकिन 4 संक्रमित घोड़ों को मारा गया है। इन मच्छरों के काटने के 4 दिन बाद इंसान में लक्षण दिखने लगते हैं। बच्चे और बुजुर्ग जल्दी संक्रमित होते हैं। कम इम्युनिटी के लोग इस बीमारी से नहीं बच पाते। इसके दो प्रकार होते हैं। पहला केस फ्लू टाइप का होता है। जिसमें इंसान कुछ दिन बाद ठीक हो जाता है। इसे सिस्टमेटिक संक्रमण कहते हैं। रोगियों को बुखार और ठंड लगना, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं।

घर में करें मच्छर भगाने वाली दवा का छिड़काव

दूसरा समूह एन्सेफलाइटिस का है, जिससे मस्तिष्क में सूजन होती है। नींद न आना, उल्टी, दस्त, सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, स्किन ब्लू होना, ऐंठन और कोमा जैसी स्थिति रोगी में दिख सकती है। डॉक्टर ब्लड सैंपल लेने के अलावा रीढ़ की हड्डी का मुआयना करने के बाद ही बीमारी की पुष्टि करते हैं। एंटीबॉडीज EEE का अभी इलाज नहीं है। विशेषज्ञ बताते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण ठंड कम हो गई है। जिसकी वजह से मच्छर मरते नहीं। मच्छरों से बचाव के लिए घर पर रहने की सलाह डॉक्टर देते हैं। हाथों और पैरों को कपड़ों से ढकें और दूषित पानी के पास जाने से बचें। घर में मच्छर भगाने वाली दवा का छिड़काव करें।

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Written By

Parmod chaudhary

First published on: Aug 24, 2024 07:14 PM

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