New Method For Earthquake Prediction : दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में भूकंप से जो तबाही मचती है उससे अब बचा जा सकता है। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा नया तरीका डेवलप किया है जो भूकंप आने से महीनों पहले सटीकता के साथ उसकी जानकारी दे सकता है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ अलास्का फेयरबैंक्स के वैज्ञानिकों ने यह तरीका विकसित किया है। यह मेथड बड़े इलाकों में पहले के समय में आई लो लेवल टेक्टॉनिक अनरेस्ट की पहचान करता है। वैज्ञानिकों की यह स्टडी वोल्कैनिक इरप्शन (ज्वालामुखी विस्फोट) और भूकंपों की पूर्वगामी गतिविधियों पर फोकस्ड है और इस तरह की घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने के लिए मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करती है।
ये भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रंप से नफरत करती हैं मेलानिया! कमला हैरिस का कर रहीं हैं सपोर्ट?
यूनिवर्सिटी ऑफ अलास्का के जियोफिजिकल इंस्टीट्यूट के रिसर्च असिस्टेंट प्रोफेसर टारसिलो गिरोना के नेतृत्व में हुई इस स्टडी में अलास्का और कैलिफोर्निया में आए 2 बड़े भूकंपों का एनालिसिस किया गया है। बता दें कि अलास्का में साल 2018 में 7.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था और कैलिफोर्निया में साल 2019 में 6.4 से 7.1 तीव्रता वाले कई झटके महसूस किए गए थे। एनालिसिस के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि साउथ-सेंट्रल अलास्का और साउदर्न कैलिफोर्निया के लगभग 15 से 20 प्रतिशत हिस्से में करीब 3 महीने तक असामान्य लेकिन कम तीव्रता वाली भूकंप की घटनाएं हुई थीं।
Geophysicist’s method could give months’ warning of major earthquakes | Phys dot org
---विज्ञापन---The public could have days or months of warning about a major earthquake through identification of prior low-level tectonic unrest over large areas, according to research by a University of… pic.twitter.com/thrgMIv4R8
— Owen Gregorian (@OwenGregorian) September 2, 2024
रिसर्च के दौरान क्या-क्या मिला?
अध्ययन किए गए दोनों भूकंपों से पहले, उन्होंने पाया कि दक्षिण-मध्य अलास्का और दक्षिणी कैलिफोर्निया के लगभग 15% से 25% हिस्से में लगभग तीन महीने तक असामान्य कम तीव्रता वाली क्षेत्रीय भूकंपीय गतिविधि घटित हुई थी। रिसर्च में पता चला कि बड़े स्तर के भूकंप आने से पहले होने वाली घटनाएं ज्यादातर रिक्टर स्केल पर 1.5 तीव्रता से कम वाली भूकंपीय गतिविधियों की वजह से होती हैं। रिसर्च के आधार पर वैज्ञानिकों ने भूकंप का समय से पहले अनुमान लगाने के लिए एक अनोखा तरीका डेवलप किया है जो इस भयावह प्राकृतिक आपदा के असर को काफी कम कर सकता है।
ये भी पढ़ें: Audi के बॉस Fabrizio Longo की मौत, 700 फीट गहरी खाई में मिली बॉडी
इस तरह तैयार किया नया मेथड
इसके लिए उन्होंने एक कंप्यूटर एल्गोरिद्म लिखा। एल्गोरिद्म इंस्ट्रक्शंस का एक समूह होता है जो मशीन को यह सिखाता है कि किसी डाटा को कैसे इंटरप्रेट किया जाए और उस डाटा का इस्तेमाल कर कैसे सटीक पूर्वानुमान लगाए जाएं। साइंटिस्ट्स ने असामान्य भूकंपीय गतिविधियों का पता लगाने के लिए इसी तरीके का इसेतेमाल किया। उन्हें पता चला कि 30 नवंबर को अलास्का में आए भूकंप की संभावना के बारे में संकेत तीन महीने पहले से मिलने लगे थे। अगर यह तरीका पूरी तरह से सही साबित हो जाता है तो यह सफलता विज्ञान जगत के लिए बड़ा मील का पत्थर साबित होगी।
ये भी पढ़ें: सुरंग में मिले थे छह शव, रोंगटे खड़े कर देगी ऑटोप्सी; हमास ने कैसे की हत्या?