रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने के लिए अमेरिका का रुख कमजोर पड़ता नहीं दिख रहा है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन के न मानने के वाबजूद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप लगातार कोशिशें करते जा रहे हैं। अमेरिका ने रूस की इकोनॉमी कमजोर करने के लिए पहले से ही रूस पर कई प्रतिबंध लगा रखे हैं। अब रूस-यूक्रेन युद्ध पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक और बड़ा ऐलान किया है। ट्रंप ने रूस पर प्रतिबंध बढ़ाने का फैसला लिया है। अमेरिका सालों से रूस पर कई अनगिनत प्रतिबंध लगाए हुए है। रविवार को ट्रंप ने व्हाइट हाउस से कहा कि हम रूस के खिलाफ अतिरिक्त कदम उठाने के लिए तैयार हैं। यदि यह आक्रामकता जारी रहती है, तो हम दूसरे चरण के सख्त प्रतिबंध लागू करेंगे।
कीव पर हमले के बाद आया ट्रंप का फैसला
बीते शनिवार को रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर फिर हमला किया था। अधिकारियों के अनुसार, यह रूस का यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा एरियल अटैक था। हमले में उन इमारतों को तबाह कर दिया, जहां से सरकार चलती थी। यूक्रेन की वायुसेना का दावा है कि उसने दर्जनों मिसाइलें और ड्रोन मार गिराए, लेकिन कई हमले सरकारी इमारतों और रिहायशी क्षेत्रों तक पहुंचे। हताहतों की संख्या का आधिकारिक ऐलान अभी तक नहीं किया गया है। हमले के दिन यानी रविवार को ट्रंप ने रूस पर प्रतिबंध बढ़ाने की बात कह दी।
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‘हां, मैं तैयार हूं’
रविवार को व्हाइट हाउस में एक पत्रकार के सवाल पूछा कि क्या वह (ट्रंप) रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के दूसरे चरण पर आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। इसपर ट्रंप ने जवाब दिया, ‘हां, मैं तैयार हूं।’ कहा कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच युद्घ जारी रहता है तो हम दूसरे चरण में प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करेंगे। ट्रंप के बयान पर एक्सपर्ट का मानना है कि अमेरिका के संभावित नए प्रतिबंध रूस की वित्तीय व्यवस्था और ऊर्जा क्षेत्र को सीधे प्रभावित कर सकते हैं।
अमेरिका ने रूस पर क्या प्रतिबंध लगा रखे हैं
अमेरिका कई सालों से रूस पर प्रतिबंध लगाए हुए है। अमेरिकी वित्तीय संस्थानों ने रूस के केंद्रीय बैंक, राष्ट्रीय धन कोष या वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बॉन्ड के लिए द्वितीयक बाजार में शामिल होने से प्रतिबंधित लगाया। इन संस्थानों में न केवल रूस का सबसे बड़ा वित्तीय संस्थान, बैंक, और उसका सबसे बड़ा निजी स्वामित्व वाला वित्तीय संस्थान, अल्फा-बैंक, बल्कि उसकी प्रमुख गैस, समुद्री नौवहन, खनन, तेल, पाइपलाइन, रेलमार्ग और दूरसंचार कंपनियां भी शामिल हैं। रूस पर इन प्रतिबंधों के कारण, इन संस्थानों की लोन प्राप्त करने की क्षमता पर गंभीर प्रतिबंध लग गए हैं। उनके द्वारा प्रस्तुत या पहले से प्रचलन में मौजूद किसी भी लोन उपकरण के लिए वैश्विक बाजार और इस प्रकार उनके मूल्य में कमी आई है। ऐसे कई प्रतिबंध हैं, जो अमेरिका ने रूस पर लगा रखे हैं।
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