---विज्ञापन---

ट्रंप के USAID फंड को फ्रीज करने के फैसले से भारत पर क्या पड़ेगा असर? जानें

World News in Hindi: अमेरिका की USAID ने भारत में अपने सभी एनजीओ को परियोजनाओं का काम रोकने के निर्देश जारी किए हैं। देश के स्वास्थ्य क्षेत्रों पर इसका गहरा असर पड़ सकता है। पूरा मामला क्या है, विस्तार से इसके बारे में जानते हैं?

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Feb 4, 2025 17:43
Share :
Donald Trump

Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में USAID (यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) के फंड रोक देने के आदेश जारी किए हैं। इसके बाद यूएसएआईडी ने भारत में चल रहे अपने सभी प्रोजेक्ट्स पर रोक लगा दी है। इससे भारत में हेल्थ, एजुकेशन, लैंगिक समानता और जलवायु परिवर्तन को लेकर काम कर रहे संगठनों की चिंता बढ़ गई है। USAID ने आदेश जारी किए हैं कि वह तीन महीने तक अपने मौजूदा अनुदानों की समीक्षा करेगा। फंड्स की कमी के चलते यह फैसला लिया गया है, जिससे कई एनजीओ की आर्थिक दिक्कतें बढ़ सकती हैं।

यह भी पढ़ें- Delhi Election: मुस्लिम वोट बैंक बनेगा निर्णायक! पर किसे करेंगे मतदान, जानें क्या कहते हैं समीकरण?

---विज्ञापन---

USAID ने अपने समर्थित एनजीओ को निर्देश जारी किए हैं कि 90 दिन वे कम से कम खर्च करें। USAID से जब तक लिखित तौर पर निर्देश नहीं मिल जाते, तब तक फिर से काम शुरू नहीं होगा। सूत्रों के अनुसार 90 दिन काम बंद करने को लेकर निर्देश जारी हो चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक कुछ एनजीओ में अनिश्चितता को लेकर घबराहट का माहौल है। कुछ एनजीओ ने हवाला दिया है कि वे अपना कामकाज जारी रख सकते हैं, क्योंकि उनके पास डोनर्स की कमी नहीं है।

कई राज्यों में चल रहे हैं कार्यक्रम

USAID की वेबसाइट के अनुसार जनवरी 2021 तक एजेंसी 6 राज्यों में मां और शिशु स्वास्थ्य पहल कार्यक्रम चला रही थी। इसका मुख्य उद्देश्य मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना था। वहीं, कई शहरों में सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता को लेकर जो मुहिम चलाई जा रही हैं, उनको भी डोनेशन दे रही थी। लिंग आधारित हिंसा को रोकने, दिव्यांगों की सुरक्षा करने आदि के लिए भी USAID लगातार राज्यों और निजी एजेंसियों के साथ मुहिम चला रही थी।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें- Delhi Encounter: दिल्ली में चुनाव से पहले एनकाउंटर, SHO को छूती हुई निकली गोली

डेवलपमेंट सेक्टर से जुड़े पेशेवर मानते हैं कि पहले ही एनजीओ फंड की कमी का सामना कर रहे हैं। अब वैश्विक सहायता से जुड़े रास्तों को बंद किया जा रहा है। हाल के वर्षों में विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के प्रतिबंधों ने एनजीओ के लिए विदेशी फंड्स को प्राप्त करना कठिन बना दिया है। Voluntary Action Network India के CEO हर्ष जेटली के अनुसार USAID द्वारा फंडिंग पर रोक ग्लोबल ट्रेंड का हिस्सा है। इसके नेटवर्क में लगभग 600 सिविल सोसाइटियां शामिल हैं। यही नहीं, ब्रिटेन, स्वीडन और जर्मनी की कई बड़ी एजेंसियां देशों को दी जाने वाली सहायता में कटौती कर रही हैं।

छोटे संगठन नहीं होंगे ज्यादा प्रभावित

हालांकि छोटे सिविल सोसाइटी संगठन बड़े पैमाने पर USAID के आदेशों से ज्यादा प्रभावित नहीं होते। वे जमीनी स्तर पर अपना काम जारी रख सकते हैं। USAID का मुख्य समर्थन इनको पानी, स्वच्छता और टीबी से निपटने जैसे आउटरीच कामों में ज्यादा मिलता है। 2004 से USAID उन परियोजनाओं को तकनीकी रूप से संचालित कर रही है, जो राज्य सरकारों द्वारा चलाई जा रही हैं।

हालांकि भारत में USAID का प्रभाव कम ही है, लेकिन इस रोक से कई स्वास्थ्य परियोजनाओं पर असर पड़ सकता है। USAID ने एनजीओ को जो फंड दिया है, उससे जमीनी स्तर पर काफी काम हुआ है। USAID के फैसले से उन लोगों में चिंता का माहौल है, जो इसके फंड से परियोजनाएं चला रहे हैं। उनको अब 3 महीने तक अपने खर्चों को सीमित करने के लिए कहा गया है।

HISTORY

Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Feb 04, 2025 05:43 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें