Donald Trump: अमेरिका में अगले वर्ष नवंबर महीने में राष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है, लेकिन अभी से इस देश में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। जहां एक ओर फरवरी में ही अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन डेमोक्रेटिक पार्टी की एक बैठक में राष्ट्रपति के रूप में दूसरे कार्यकाल के लिए उम्मीदवारी पेश करने का संकेत दे चुके हैं तो वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने भी ताल ठोंकने का संकेत दिया है। बावजूद इसके कि वह कई तरह के कानूनी झमेले में फंसे हुए हैं। बता दें कि ट्रंप डेमोक्रेटिक पार्टी से उम्मीदार होंगे, जबकि ट्रंप रिपब्लिकन की ओर से चुनाव में ताल ठोंकेगे।
बढ़ते मुकदमों पर किया कटाक्ष
इस बीच डोनाल्ड ट्रंप की ओर से कहा जा रहा है कि बढ़ते मुकदमों से उनकी लोकप्रियता भी बढ़ रही है और चुनावी अभियान में भी मदद मिल रही है। उन्होंने कटाक्ष के अंदाज में यह भी कहा है कि अगले चुनाव में उन्हें जीत हासिल करने के लिए बस एक और आरोप की जरूरत है। वहीं, पहले ही कह चुके हैं कि राष्ट्रपति पद के लिए 2024 के रिपब्लिकन नामांकन के लिए सबसे आगे बने हुए हैं और उन्होंने जोर देकर कहा है कि उनके खिलाफ आपराधिक मामलों में किसी भी परिणाम की परवाह किए बिना वह दौड़ में बने रहेंगे।
आरोप से बढ़ता है चुनाव प्रचार
डोनाल्ड ट्रप ने यह भी कहा है कि जब भी उन पर कोई आरोप लगता है तो उनका चुनावी कैंपेन और तेजी से बढ़ जाता है। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि चुनाव में जीतने के लिए अब सिर्फ एक और आरोप की जरूरत है। इसके बाद उनके लिए कोई और मौका नहीं बचेगा। यहां पर बता दें कि उन पर वर्ष 2020 में चुनाव परिणाम को पलटने का आरोप लगा है। हालांकि, उन्होंने दोहराया कि उन पर लगे कोई भी आरोप वैध और सही नहीं हैं।
बाइडेन प्रशासन को बताया हताश
उन्होंने अमेरिका में सत्तासीन बाइडेन सरकार पर हमलावार अंदाज में कहा कि उन पर लगे आरोप हताशा भर है। इससे एक दिन पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर एक चेतावनी पोस्ट थी। इसमें कहा था कि यह तुम मेरे पीछे आओगे तो मैं भी तुम्हारे पीछे आऊंगा।
अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव
यहां पर बता दें कि अमेरिका में हर चार वर्ष के अंतराल पर राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होते हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की तारीख लगभग तय होती हैं। वर्ष 2020 में 7 नवंबर को जो बाइडेन को 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में विजेता घोषित किया गया। इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप समर्थकों को इस चुनाव पर भरोसा नहीं था, जिसके बाद उन्होंने 6 जनवरी को अमेरिका के कैपिटल हिल पर हमला कर दिया। हालांकि इसके बावजूद भी 20 जनवरी को जो बाइडेन ने राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।