Donald Trump: ट्रंप सरकार द्वारा हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी स्टूडेंट्स के दाखिले पर पाबंदी के फैसले पर कोर्ट ने फटकार लगाई है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने छात्रों को नामांकन जारी रखने के लिए कहा है। इससे पहले बुधवार को इंटरनेशनल ट्रेड कोर्ट ने ट्रंप के टैरिफ वाले फैसले पर भी रोक लगाई थी। कोर्ट ने इस पर दो टूक कहा था कि ट्रंप के पास इसका अधिकार नहीं है। वहीं, भर्ती पर रोक लगाने वाले फैसले पर रोक लगाकर कोर्ट ने बताया है कि यह छात्रों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है।
छात्रों को बड़ी राहत
कोर्ट के इस फैसले से हजारों अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को राहत मिली है, जो अपकमिंग एकेडमिक सैशन में अमेरिका आने की तैयारी कर रहे हैं। न्यायाधीश एलिसन बरोघ्स ने अपने आदेश में कहा कि ट्रंप सरकार का यह कदम विश्वविद्यालय की ऑटोनॉमी और छात्रों के मौलिक अधिकारों के खिलाफ है। उन्होंने अस्थायी रूप से आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि जब तक इस पर विस्तृत कानूनी समीक्षा नहीं होती, तब तक हार्वर्ड को विदेशी छात्रों के दाखिले पर किसी भी तरह रोक लगाने का आदेश नहीं दिया जा सकता है।
क्या है मामला?
ट्रंप प्रशासन ने एक निर्देश जारी किया था कि हार्वर्ड और अन्य विश्वविद्यालयों को विदेशी छात्रों की गतिविधियों, सोशल मीडिया पोस्ट्स और किसी भी “गैरकानूनी या चरमपंथी प्रवृत्ति” की रिपोर्ट अमेरिकी एजेंसियों को देनी होगी। इसका पालन करने में विफल होने पर यूनिवर्सिटी के विदेशी छात्रों को दाखिला देने की अनुमति को रद्द किया जा सकता है।
कोर्ट पहुंचा हार्वर्ड
हार्वर्ड ने इस आदेश के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया और यह तर्क पेश किया है कि यह आदेश न केवल असंवैधानिक है, बल्कि इससे विश्वविद्यालय की ग्लोबल इमेज और एकेडमिक आजादी को भी नुकसान पहुंचाएगा।
30 दिनों का समय देना जरूरी
यूनिवर्सिटी ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा था कि ट्रंप सरकार का यह फैसला अचानक लिया गया है। नियमों के अनुसार, ऐसे निर्णयों के बारे में यूनिवर्सिटी को कारण बताने होते हैं और कम से कम 30 दिनों का समय देना जरूरी होता है।
ये भी पढ़ें- US वीजा पर विदेशी छात्रों को बड़ी राहत, निलंबन के फैसले पर ट्रंप प्रशासन ने दिया अपडेट