अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में 1,000 से ज्यादा विदेशी छात्रों के वीजा रद्द कर दिए हैं, जिससे उनमें डर और अनिश्चितता फैल गई है। ये कदम तब उठाए गए जब कई विश्वविद्यालयों के छात्रों ने इमिग्रेशन और पॉलिटिकल मुद्दों पर अपनी राय रखी थी। अब इन छात्रों को गिरफ्तार किए जाने और देश से बाहर भेजे जाने का खतरा है। कई छात्रों ने इसके खिलाफ कानूनी कदम उठाए हैं और कहा है कि उन्हें बिना किसी वजह के अपने अधिकारों से वंचित किया गया। यह घटना एक नई चिंता का कारण बन गई है, जो अमेरिकी शिक्षा प्रणाली और विदेश से आने वाले छात्रों के लिए बड़े सवाल उठाती है।
1,000 से ज्यादा छात्रों के वीजा रद्द
ट्रंप प्रशासन ने पिछले कुछ हफ्तों में 1,000 से ज्यादा विदेशी छात्रों के वीजा रद्द कर दिए हैं, जिससे वे गिरफ्तारी और निर्वासन के खतरे में आ गए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, 160 विश्वविद्यालयों में कम से कम 1,024 छात्रों के वीजा रद्द किए गए हैं या उनकी कानूनी स्थिति समाप्त कर दी गई है। इन छात्रों में से कई ने गृह सुरक्षा विभाग (DHS) के खिलाफ मुकदमा दायर किया है, उनका कहना है कि उन्हें उचित प्रक्रिया से वंचित किया गया और उनके वीजा रद्द करने के लिए कोई ठोस कारण नहीं दिया गया।
Nearly 1,000 student visas canceled by Sec. of State Rubio and counting. Are we going to see more media questions and investigations about this? pic.twitter.com/tqtv9vwAao
— Rᴏʙᴇʀᴛ L. Tsᴀɪ (@robertltsai) April 12, 2025
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विश्वविद्यालयों पर दबाव और सख्त नीतियां
कुछ छात्रों ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन ने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रों की गतिविधियों को रोकने के लिए यह कदम उठाया है। यह समस्या निजी विश्वविद्यालयों जैसे हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड और सार्वजनिक विश्वविद्यालयों जैसे मैरीलैंड और ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में भी देखने को मिली है। हाल ही में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) ने बताया कि उनके नौ अंतरराष्ट्रीय छात्रों और शोधकर्ताओं के वीजा बिना किसी चेतावनी के रद्द कर दिए गए थे।
वीजा रद्द करने का कोई स्पष्ट कारण नहीं
कई विश्वविद्यालयों का कहना है कि छात्रों के वीजा रद्द करने का कोई साफ कारण नहीं था। कुछ छात्रों को छोटी-छोटी गलतियों के कारण निशाना बनाया गया। ACLU के वकीलों ने कहा कि यह एक बड़ी राष्ट्रीय नीति का हिस्सा है, जिसमें छात्रों की कानूनी स्थिति को खत्म किया जा रहा है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह ट्रंप प्रशासन की आप्रवासन नीतियों का हिस्सा है, जो सभी प्रकार के आप्रवासी छात्रों पर लागू हो रही है।
छात्रों में डर और अनिश्चितता का माहौल
पहले जब किसी छात्र का वीजा रद्द हो जाता था, तो वह बिना देश छोड़े अपनी पढ़ाई पूरी कर सकता था। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। वीजा रद्द होने के बाद छात्र को अमेरिकी अधिकारियों, जैसे इमिग्रेशन और कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE), द्वारा गिरफ्तार किया जा सकता है। इस तरह की कार्रवाई से छात्रों में डर और अनिश्चितता का माहौल बन गया है क्योंकि पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था। अमेरिकन काउंसिल ऑन एजुकेशन की उपाध्यक्ष सारा स्प्रेटजर ने कहा कि यह एक नई स्थिति है, जिसमें छात्रों को सार्वजनिक रूप से उनके घरों से बाहर निकाला जा रहा है, जो पहले कभी नहीं हुआ था।