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मशहूर फुटबॉलर माराडोना की मेडिकल टीम पर हत्या का मुकदमा दर्ज, जानें क्या है मामला?

Diego Maradona Death Case: अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना की मौत के मामले में उनकी मेडिकल टीम के 7 डॉक्टरों पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। जानें क्या था पूरा मामला और क्यों उठे लापरवाही के आरोप साथ ही आरोप सिद्ध होने पर मिलेगी कितनी सजा?

Author Edited By : Hema Sharma Updated: Mar 11, 2025 11:10
Diego Maradona Death Case
Diego Maradona Death Case

Diego Maradona Death Case: अर्जेंटीना के महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना की असामयिक मृत्यु साल 2020 में 60 साल की उम्र में हुई थी। फुटबॉलर का अंतिम दिनों में उनका इलाज करने वाले सात डॉक्टरों पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा चलाया जाएगा। ब्यूनस आयर्स में मंगलवार से शुरू होने वाले इस मुकदमे में उन आरोपों की जांच की जाएगी कि कहीं माराडोना के डॉक्टरों और देखभाल करने वालों की लापरवाही के कारण तो उनकी मौत नहीं हुई।

क्या था पूरा मामला?

अर्जेंटीना के फुटबॉलर डिएगो माराडोना जो महान फुटबॉल खिलाड़ियों की लिस्ट में शामिल हैं जिनकी असामयिक मृत्यु हुई थी। कथित तौर पर माराडोना की ब्यूनस आयर्स के समृद्ध जिले टाइग्रे में उनके घर पर सर्जरी की गई थी। दरअसल ब्लड के थक्के को हटाने के लिए मस्तिष्क की सर्जरी के दौरान उन्हें घातक दिल का दौरा पड़ गया था। इसी वजह से उनकी मौत हो गई और खेल जगत में मातम पसर गया।

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क्या लापरवाही से हुई थी मौत

नशे की लत, मोटापे के शिकार माराडोना के लिए कहा जाता है कि अगर सही इलाज मिल जाता तो उनकी मौत को रोका जा सकता था। एक जांच में पाया गया कि अगर माराडोना का सही इलाज होता और अच्छे से केयर की जाती तो उनकी मौत नहीं होती। ऐसे में अब उन सभी डॉक्टरों और देखभाल करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।

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किस पर मुकदमा चल रहा है और क्या थे आरोप?

जिन 7 आरोपियों पर मुकदमा चलाने की बात चल रही है उनमें डॉक्टर, नर्स और विशेषज्ञ शामिल हैं, जिन्होंने माराडोना की चिकित्सा देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। माराडोना के अभिभावकों का दावा है कि माराडोना को मस्तिष्क की सर्जरी के बाद अस्पताल से बहुत जल्दी छुट्टी दे दी गई थी। जबकि उन्हें लगातार गहन देखभाल की आवश्यकता थी। उनके घर पर उपचार का प्रबंध ठीक से नहीं किया गया तथा उचित चिकित्सा प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। डिफिब्रिलेटर और ऑक्सीजन आपूर्ति सहित आवश्यक चिकित्सा उपकरण उपलब्ध नहीं थे। उनकी देखभाल करने वाले उनकी मृत्यु से 12 घंटे पहले हृदयाघात के लक्षणों, जिनमें गंभीर सूजन और बिगड़ती हालत शामिल थी, की निगरानी करने में विफल रहे।

बचाव पक्ष ने भी दिया तर्क

वहीं माराडोना के न्यूरोलॉजिस्ट ल्यूक ने कहा, मृत्यु अप्रत्याशित रूप से, अचानक, सोते समय हुई बिना हमें कोई समय दिए। जानकारी के लिए बता दें कि यदि गैर इरादतन हत्या का आरोप सिद्ध हो जाता है तो आरोपी चिकित्सा पेशेवरों को 25 वर्ष तक की जेल हो सकती है।

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Edited By

Hema Sharma

First published on: Mar 11, 2025 11:10 AM

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