नई दिल्ली: अमेरिका की स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान विजिट के बाद ताइवान और चीन के बीच टेंशन बढ़ती जा रही है। चीन ने अपने लगभग 100 फाइटर जेट और युद्धपोत ताइवान भेज दिए हैं। चीन मध्य रेखा के पार लगातार अभ्यास कर ताइवान को डराने की कोशिश में जुटा है। हालांकि ताइवान भी हार मानने वालों में से नहीं है। उसके पास एक से एक अपग्रेडेड सिस्टम है, जिससे वह चीन की मिसाइलों पर लगातार नजर रखे हुए है।
इस बीच खबर है कि ताइवान के लंबी दूरी के प्रारंभिक चेतावनी रडार (pave paws radar) ने सेना को चीन द्वारा लॉन्च की गईं डोंगफेंग बैलिस्टिक मिसाइलों पर नजर रखने की इजाजत दे दी है। इस मामले से परिचित एक उच्च स्तरीय सरकारी अधिकारी ने शुक्रवार को ये जानकारी दी। लिबर्टी टाइम्स के अनुसार, सिंचु के लेशान क्षेत्र में स्थित लेशान लंबी दूरी की प्रारंभिक चेतावनी रडार की लागत लगभग NT$40.9 बिलियन 1.36 बिलियन यूएस डॉलर है। यह वर्ष 2000 में ताइवान को बेचा गया शीत युद्ध-युग का U.S. AN/FPS-115 PAVE PAWS रडार है, जो 2013 से चालू है।
ये है खासियत
यह 5,000 किलोमीटर के दायरे में किसी भी विमान या मिसाइल का पता लगा सकता है। अपने उच्च स्थान को देखते हुए यह सतह के जहाजों को भी ट्रैक कर सकता है। राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने अक्टूबर 2020 में खुलासा किया कि परिष्कृत रडार प्रणाली के रखरखाव में सहायता करने वाले अमेरिकी तकनीकी सलाहकार हैं। लिबर्टी टाइम्स ने अधिकारी का हवाला देते हुए कहा कि गुरुवार को 11 अलग-अलग प्रकार की डोंगफेंग मिसाइलें दागी गईं, जिनमें डोंगफेंग -15 बी सबसे अधिक थीं।
अधिकारी ने कहा कि मिसाइलों को तीन स्थानों से लॉन्च किया गया। अधिकारी ने कहा कि पूरी स्थिति ताइवान की सेना के नियंत्रण में थी। ये जानकारी अमेरिका, जापान और अन्य देशों के साथ साझा की गई थी। अधिकारी ने कहा कि रडार साइट को चीनी हमले से बचाने के लिए सेना स्काई बो III वायु रक्षा मिसाइल और 35 मिमी एंटी-एयरक्राफ्ट गन तैनात कर चुकी है। लिबर्टी टाइम्स के अनुसार, पिछले साल के हान कुआंग अभ्यास में रडार स्टेशन ने चीनी मिसाइल हमले और चीनी ड्रोन और विशेष एजेंटों द्वारा किए गए हमले पर नजर रखी थी।