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कौन हैं भाविनी पटेल? फूड ट्रक चलाया, टेक स्टार्टअप बनाया; अब लड़ रहीं US Congress का चुनाव

Who Is Bhavini Patel: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री पूरी करने वाली भाविनी पटेल की मां मूल रूप से गुजरात की रहने वाली थीं। भाविनी अब अमेरिकी कांग्रेस का चुनाव लड़ रही हैं।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Feb 8, 2024 12:35
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Bhavini Patel
Bhavini Patel

Who Is Bhavini Patel : यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के लिए चुनावी दौड़ में भारतीय मूल की भाविनी पटेल भी शामिल हैं। 30 वर्षीय भाविनी ने यह सफर बेहद मुश्किल हालात में तय किया है। एक समय में पिट्सबर्ग में वह अपनी मां की मदद इंडिया ऑन व्हील्स नाम से एक फूड ट्रक चलाने में मदद किया करती थीं। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने अपना एक टेक स्टार्टअप शुरू किया था। अब वह अमेरिकी संसद के चुनाव में किस्मत आजमा रही हैं।

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भारतीय-अमेरिकी भाविनी पटेल ने पिछले साल 2 अक्टूबर को 12वें पेन्सिल्वेनिया जिले से कांग्रेस के लिए चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। वर्तमान में यहां पटेल की डेमोक्रेटिक पार्टी की साथी समर ली प्रतिनिधि हैं। लेकिन, बीते कुछ वर्षों से इस क्षेत्र में समर ली की लोकप्रियता में खासी कमी देखने को मिली है। उल्लेखनीय है कि समर ली उन कुछ सांसदों में से एक हैं जिन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से अमेरिकी कांग्रेस के ऐतिहासिक संयुक्त संबोधन का विरोध किया था।

प्राइमरी के लिए जुटाए 3 लाख से ज्यादा डॉलर

23 अप्रैल को होने वाले प्राइमरी चुनाव के लिए भाविनी पटेल ने 3.10 लाख डॉलर से अधिक की राशि जुटाई है। उनका कहना है कि इसमें से मुश्किल से 70 प्रतिशत राज्य के अंदर से जुटाया गया है। भाविनी पटेल को लगभग 33 चयनित अधिकारियों की ओर से समर्थन भी मिला है। इनमें छोटे शहरों के मेयर्स समेत काउंसिल सदस्यों के नाम भी शामिल हैं। बता दें कि भाविनी पटेल राष्ट्रपति जो बाइडेन की कट्टर समर्थक हैं। वह बाइडेन को अमेरिका का सबसे प्रोग्रेसिव राष्ट्रपति मानती हैं।

समुदाय की चुनौतियों का समाधान बहुत जरूरी

अपनी हालिया वाशिंगटन यात्रा के दौरान पटेल ने कहा था कि हमने लोगों से उनके घर जाकर संपर्क किया है। एक-एक व्यक्ति से बात की है। क्षेत्र के लोग ऐसे कैंपेन को समर्थन देने के लिए बहुत उत्साहित हैं जिसका उद्देश्य पेन्सिल्वेनिया को विकास के रास्ते पर लेकर जाना है। भाविनी पटेल का कहना है कि इस जिले में रहने वाले समुदायों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जिनका समाधान करना बहुत जरूरी है। बता दें कि भाविनी पटेल की मां मूल रूप से गुजरात की थीं।

25 साल से परिवार कर रहा है फूड ट्रक का काम

अपनी मां के संघर्ष को लेकर भाविनी पटेल ने कहा कि वह जब इस देश में आई थीं तब उनके पास कुछ भी नहीं था। उन्होंने अकेले मुझे और मेरे भाई को पाला पोसा। हमें अलग-अलग शहरों में रहना पड़ा था। मेरी मां ने बहुत बलिदान दिए। वह रेस्तरां में बर्तन धुलने से लेकर मोटल इंडस्ट्री तक कई तरह के काम किया करती थीं। बाद में उन्होंने वेस्टर्न पेन्सिल्वेनिया में फूड ट्रक का काम शुरू किया था। उन्होंने कहा कि मेरा परिवार पिछले 25 साल से फूड ट्रक का संचालन कर रहा है।

अपने परिवार की पहली ग्रेजुएट हैं भाविनी पटेल

भाविनी ने कहा कि हमारे फूड ट्रक का नाम ‘इंडिया ऑन व्हील्स’ है। मैं इसी में काम करते हुए बड़ी हुई हैं। हमारा एक फूड ट्रक पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी के कैंपस में था और दूसरा कॉर्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी कैंपस में। इनमें उत्तर भारतीय खाना परोसा जाता है। बता दें कि कॉलेज से ग्रेजुएट होने वाली भाविनी पटेल अपने परिवार की पहली शख्स हैं। भाविनी को ऑक्सफोर्ड से मास्टर्स डिग्री पूरी करने के लिए स्कॉलरशिप मिली थी। इसके बाद से वह सफलता की राह पर लगातार आगे बढ़ रही हैं।

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Written By

Gaurav Pandey

First published on: Feb 08, 2024 12:35 PM

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