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अमेरिका में बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर, निर्माण कार्य में शामिल हुए हजारों स्वयंसेवक

BAPS Swaminarayan Akshardham Temple Inaugurated: अमेरिका के न्यू जर्सी के रॉबिन्सविले में अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन आज यानी 8 अक्टूबर को हो गया। इसे दुनिया के सबसे बड़े मंदिर के रूप में स्थापित किया गया है, जिसकी ऊंचाई 191 फीट है और यह 183 एकड़ में फैला है। मंदिर के निर्माण में अमेरिका के 12,500 […]

Edited By : Sumit Kumar | Updated: Oct 8, 2023 17:26
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उद्घाटन आज यानी 8 अक्टूबर

BAPS Swaminarayan Akshardham Temple Inaugurated: अमेरिका के न्यू जर्सी के रॉबिन्सविले में अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन आज यानी 8 अक्टूबर को हो गया। इसे दुनिया के सबसे बड़े मंदिर के रूप में स्थापित किया गया है, जिसकी ऊंचाई 191 फीट है और यह 183 एकड़ में फैला है। मंदिर के निर्माण में अमेरिका के 12,500 से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया है। आईये इस मंदिर की खासियतों पर एक नजर डालते हैं।

अमेरिका में स्थापित इस भव्य मंदीर का नाम बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम (BAPS Swaminarayan Akshardham) है। इसकी यह मंदिर 255 फीट लंबा, 345 फीट चौड़ा और 191 फीट ऊंचा है और 183 एकड़ में फैला हुआ है।

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द न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम के उद्घाटन कार्यक्रमों की मेजबानी उतरी अमेरिका के स्वयंसेवक कर रहे हैं। उत्सव का समापन रविवार को बीएपीएस आध्यात्मिक नेता और गुरु महंत स्वामी महाराज द्वारा आयोजित एक भव्य समर्पण समारोह के साथ होगा।

मंदिर से जुड़ी मुख्य बातें

  • मंदिर का निर्माण अमेरिका भर के 12,500 से अधिक स्वयंसेवकों द्वारा 2011 से 2023 तक, 12 वर्षों में किया गया है।
  • अक्षरधाम मंदिर  255 फीट लंबा,  345 फीट चौड़ा, 191 फीट ऊंचा है और यह 183 एकड़ में फैला है।
  • इटली से संगमरमर की चार किस्में और बुल्गारिया से चूना पत्थर पहले भारत पहुंचे और फिर दुनिया भर से 8,000 मील से अधिक दूरी तय करके न्यू जर्सी पहुंचे।

मंदिर को प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार डिजाइन किया गया है और इसमें प्राचीन भारतीय संस्कृति के डिजाइन तत्व शामिल हैं। मंदिर में 10,000 मूर्तियां और इंडियन म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट सहित अन्य भारतीय संस्कृति की चीजें शामिल है।

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न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, यह मंदिर संभवतः कंबोडिया में प्रतिष्ठित अंगकोरवाट के बाद दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। मंदिर की डिजाइन में एक मुख्य मंदिर, 12 उप-मंदिर, नौ शिखर (शिखर जैसी संरचनाएं), और नौ पिरामिड शिखर भी शामिल हैं।

अक्षरधाम में पारंपरिक पत्थर वास्तुकला का अब तक का सबसे बड़ा अण्डाकार गुंबद भी है। इसे एक हजार साल तक चलने के लिए डिज़ाइन किया गया है। मंदिर परिसर में ब्रह्म कुंड, एक पारंपरिक भारतीय बावड़ी, जिसमें भारत की पवित्र नदियों और अमेरिका के सभी 50 राज्यों सहित दुनिया भर के 300 से अधिक जल निकायों का पानी शामिल है।

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अक्षरधाम के निर्माण कार्य में शामिल हुए हजारों स्वयंसेवक

पूरे अमेरिका से स्वयंसेवकों ने अक्षरधाम के निर्माण में मदद की। उनका मार्गदर्शन भारत के कारीगर स्वयंसेवकों द्वारा किया गया था। अक्षरधाम के निर्माण कार्य में हजारो स्वयंसेवकों ने अपना योगदान दिया।

स्वयंसेवकों द्वारा बनाया गया तीसरा अक्षरधाम मंदिर

यह मंदिर नई दिल्ली और गुजरात में दो अन्य मंदिरों के बाद संगठन द्वारा बनाया गया तीसरा अक्षरधाम या “परमात्मा का निवास” होगा, जहां BAPS का मुख्यालय है। यह संगठन अगले वर्ष उत्तरी अमेरिका में अपना 50वां वर्ष मनाएगा। संगठन दुनिया भर में 1,200 से अधिक मंदिरों और 3,850 केंद्रों की देखरेख करता है।

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सबसे बड़ा मंदिर कंबोडिया में है

दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर परिसर अंकगोर वाट है, जिसका निर्माण मूल रूप से 12वीं शताब्दी में क्रॉन्ग सिएम रीप, कंबोडिया में किया गया था, और राजा सूर्यवर्मन ii (Raja Suryavarman ii) द्वारा हिंदू भगवान विष्णु को समर्पित किया गया था। अब इसे हिंदू-बौद्ध मंदिर के रूप में वर्णित किया गया है और यह 1,199 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों में से एक है।

HISTORY

Written By

Sumit Kumar

First published on: Oct 08, 2023 05:20 PM

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