नई दिल्ली: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना 4 दिन के दौरे पर सोमवार को भारत पहुंच रही हैं। उनकी ये यात्रा खासतौर पर कनेक्टिविटी, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ व्यापार और निवेश के अवसरों पर केंद्रित रहेगी।
बांग्लादेश की आजादी में भारत द्वारा अहम भूमिका निभाने के बाद से दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबध हैं। हालांकि कुछ मौके ऐसे भी आए हैं, जब दोनों देशों को आपसी रिश्तों में उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ढाका यात्रा ने दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा दिया। हाल के वर्षों में, राजनयिक और आर्थिक दोनों क्षेत्रों में देशों के बीच कई सौदे हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और शेख हसीना के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत और बांग्लादेश ने भूमि और समुद्री सीमा सीमांकन, सुरक्षा, संपर्क, विकास सहयोग, सांस्कृतिक आदान-प्रदान, बिजली और ऊर्जा, व्यापार और वाणिज्य, नीली अर्थव्यवस्था सहित रक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में ठोस परिणाम प्राप्त किए हैं।
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वह यात्रा की शुरुआत वे हज़रत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह से करेंगी। यहां वह करीब शाम 5 बजे जाएंगी। यात्रा से पहले बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने भारत को एक ‘विश्वसनीय मित्र’ कहा।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे जल-बंटवारे विवाद को नागरिकों के सामने आने वाली समस्याओं को कम करने के लिए हल किया जाना चाहिए। भारत और चीन के साथ चीन के संबंधों पर सवाल को संबोधित करते हुए हसीना ने कहा कि बांग्लादेश की विदेश नीति “सभी के लिए मित्रता, किसी से द्वेष की नहीं” है। भारत यात्रा के दौरान वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात करेंगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगी।
भारत को और उदारता दिखानी चाहिए
उन्होंने कहा- हम नीचे की ओर हैं, पानी भारत से आ रहा है। इसलिए भारत को और उदारता दिखानी चाहिए। दोनों देश लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा खासकर तीस्ता नदी के चलते कभी-कभी हमारे लोगों को इससे बहुत नुकसान होता है। पीएम मोदी इसे हल करने के लिए बहुत उत्सुक हैं। उन्होंने कहा- हम केवल गंगा जल साझा करते हैं लेकिन हमारे पास 54 अन्य नदियां हैं। यह लंबे समय से चली आ रही समस्या है और इसका समाधान किया जाना चाहिए।”
भारत-चीन के मुद्दों में हस्तक्षेप नहीं करेंगी
उन्होंने यह भी कहा- अगर कोई समस्या है, तो वह चीन और भारत के बीच है। मैं वहां अपनी नाक नहीं डालना चाहती। हसीना ने कहा कि अग्रणी देशों को हमेशा बातचीत के जरिए अपने मतभेदों और विवादों को दूर करना चाहिए और कहा कि वह भारत-चीन के मुद्दों में हस्तक्षेप नहीं करेंगी। मुझे हमेशा लगता है कि अगर कोई समस्या है जो चीन और भारत के बीच है, लेकिन मैं उस पर अपनी नाक नहीं डालना चाहती। मैं अपने देश का विकास चाहती हूं और चूंकि भारत हमारा पड़ोसी है, इसलिए हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। चीन के साथ बांग्लादेश के संबंधों पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि उनका मुख्य लक्ष्य देश का विकास है।
यात्रा से पहले भारत की जमकर की तारीफ
अपने दौरे से पहले पीएम हसीना ने समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक फ्री-व्हीलिंग टेलीविजन बातचीत में भारत की जमकर प्रशंसा की। पीएम हसीना ने कहा, ‘रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद पूर्वी यूरोप में फंसे बांग्लादेश के छात्रों को बचाने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली पहल की सराहना की।’ उन्होंने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री मोदी अपना धन्यवाद ज्ञापित करना चाहती हूं, क्योंकि जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान, हमारे कई छात्र बस फंस गए थे और वे आश्रय के लिए पोलैंड आए थे। तब भारत ने अपने छात्रों के साथ हमारे छात्रों को भी निकाल लिया। भारत ने स्पष्ट रूप से दोस्ताना इशारा दिखाया है। मैं इस पहल के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देता हूं।’
इसके अलावा कोरोना महामारी से निपटने के लिए मदद करने के लिए भी पीएम हसीना ने पीएम मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत ने अपने वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत पड़ोसी देशों को कोविड-19 वैक्सीन प्रदान की थी। उन्होंने कहा, ‘यह प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई एक बहुत ही विवेकपूर्ण पहल थी। मैं वास्तव में इस पहल के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देती हूं, और इस तरह उन्होंने ना केवल बांग्लादेश, बल्कि कुछ दक्षिण एशियाई देशों को भी टीकों की आपूर्ती की, और यह वास्तव में बहुत मददगार रहा। इसके अलावा हमने अपने पैसे से टीके खरीदे, और कई अन्य देशों ने भी योगदान दिया।”
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बांग्लादेश के प्रधानमंत्री ने दोनों पड़ोसियों के बीच घनिष्ठ सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पड़ोसियों में मतभेद हो सकते हैं लेकिन इन्हें बातचीत के जरिए संबोधित किया जाना चाहिए और कई क्षेत्रों में भारत और बांग्लादेश ने ठीक वैसा ही किया है। दरअसल, पीएम हसीना विशेष रूप से पश्चिमी पर्यवेक्षकों द्वारा की गई उन टिप्पणियों के बारे में एक सवाल का जवाब दे रही थीं, जिनमें सार्क देशों के बीच सहयोग की कमी की बात दोहराई जाती है।
इस दौरान हसीना ने भारत को एक परखे हुए मित्र के रूप में संदर्भित किया और कहा कि भारत हर जरूरत की घड़ी में बांग्लादेश के साथ खड़ा था, पहले 1971 में और फिर बाद के समय में भी। उन्होंने कहा, ‘हम हमेशा 1971 के युद्ध के दौरान उनके योगदान को याद करते हैं। और इसके अलावा, 1975 के अलावा, जब हमने अपने परिवार के सभी सदस्यों को खो दिया था। तो, तत्कालीन प्रधानमंत्री ने हमें भारत में आश्रय दिया। इसके अलावा, आप देखिए, ये दोनों देश, हम पड़ोसी हैं, करीबी पड़ोसी हैं और मैं हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ दोस्ती को महत्व और प्राथमिकता देती हूं।’
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