Chinmoy Krishna Das Brahmachari: बांग्लादेश में हिंदू विरोध प्रदर्शन को कुचलने की कोशिश की जा रही है। देश में देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे 18 लोगों में से एक हिंदू साधु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी ने इंडिया टुडे डिजिटल को दिए बयान में ये दावा किया है। उन्होंने कहा कि हिंदू बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हैं और सरकार की उनके खिलाफ मुकदमेबाजी अल्पसंख्यक हिंदूओं के अधिकारों के लिए विरोध प्रदर्शन करने वाले नेतृत्व को खत्म करने का एक प्रयास है।
साधु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी ने कहा कि बांग्लादेश सरकार का उनके और अन्य लोगों के खिलाफ देशद्रोह की कार्रवाई का उद्देश्य मुस्लिम बहुल देश में अल्पसंख्यकों के लिए गारंटी की मांग करने वाले आंदोलन का नेतृत्व को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी हिंदू संगठन के खिलाफ देशद्रोह के मामले को वापस लेने के लिए उन्होंने सोमवार तक की समय सीमा दी थी जो अब खत्म होने वाली है, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।
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No one has ever spoken such fiery and realistic words until today! Historic grand rally, Central Shaheed Minar, Dhaka. Every Hindu in Bangladesh is respectfully paying homage to Chinmoy Das Prabhu for beautifully expressing the thoughts of the country’s Sanatanis (Hindus).
1/2 pic.twitter.com/502TLt7OPL---विज्ञापन---— Avro Neel Hindu🕉️🇧🇩 (@avroneel80) October 4, 2024
यह है पूरा मामला
बता दें साधु चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी समेत अन्य लोगों के खिलाफ बांग्लादेश की चटगांव के न्यू मार्केट इलाके में कथित बांग्लादेशी राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा भगवा झंडा फहराने को लेकर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। यह घटना 25 अक्टूबर की है। हालांकि आरोपों पर रैली के आयोजकों ने कहा था कि उनका भगवा झंडों से कोई लेना-देना नहीं है। आगे आयोजकों ने आरोप लगाते हुए कहा था विवादित झंडा बांग्लादेश का राष्ट्रीय ध्वज नहीं बल्कि एक इस्लामी झंडा था।
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