Argentina Exit from WHO: अर्जेंटीना ने बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से खुद को अलग कर लिया है। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली के प्रवक्ता मैनुअल एडोर्नी ने इसका ऐलान किया है। मीडिया को दिए बयान में उन्होंने कहा कि यह निर्णय स्वास्थ्य प्रबंधन में गहरे मतभेदों के कारण लिया गया। उनका कहना था कि कोविड-19 महामारी के दौरान WHO की नीतियों से वह संतुष्ट नहीं थे।
प्रवक्ता ने मीडिया में दिए बयान में कहा कि राष्ट्रपति जेवियर माइली ने देश को WHO से अलग होने का फैसला लिया है। प्रवक्ता के अनुसार WHO ने कोविड में मानव इतिहास का सबसे लंबा शटडाउन लगाया। इसके अलावा अर्जेंटीना अपनी संप्रभुता में किसी अंतरराष्ट्रीय संगठन का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा।
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🚨🇦🇷ARGENTINA TO EXIT INTERNATIONAL “SOCIALIST” INSTITUTIONS, INCLUDING WHO—FOLLOWING TRUMP’S LEAD
---विज्ञापन---The Milei administration is preparing to withdraw from multiple global organizations, calling them “socialist strongholds” that waste millions and offer no benefits to Argentina.… pic.twitter.com/k4WqZ9vYeV
— Mario Nawfal (@MarioNawfal) February 5, 2025
अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ से अलग होने का फैसला लिया था
बता दें इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ से अलग होने का फैसला लिया था। जिसके बाद अब अर्जेंटिना ने डब्ल्यूएचओ से इस्तीफा दिया है। अमेरिका के अलग होने के निर्णय पर डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा था कि अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अधिकारियों को डब्ल्यूएचओ के साथ काम करना बंद करने के लिए कहा गया है। लेकिन संगठन अभी भी कुछ अमेरिकी वैज्ञानिकों को डाटा उपलब्ध करा रहा है।
डब्ल्यूएचओ का क्या काम होता है?
जानकारी के अनुसार डब्ल्यूएचओ संयुक्त राष्ट्र की एक स्पेशल स्वास्थ्य एजेंसी है, जो 1948 में बनाई गई थी। दुनिभर के 150 से ज्यादा देश इसके सदस्य हैं। डब्ल्यूएचओ का मिशन स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, दुनिया को सुरक्षित रखना और कमजोर लोगों की सेवा करना है।
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