Chicago Birds Died Due To Glass Buildings: अमेरिका के शिकागो में एक दिन में 1000 पक्षियों के मारे जाने की खबर सामने आई है। वे शीतकालीन प्रवास के लिए मैदानी एरिया दक्षिण अमेरिका में चले गए थे, लेकिन वहां से उत्तरी अमेरिका लौटते समय शिकागो के सबसे बड़े कन्वेंशन सेंटर मैककॉर्मिक प्लेस के पास डेढ़ मील के दायरे में यह पक्षी मरे मिले। इन्हें लोगों ने अस्पताल तक पहुंचाया है, जिनके मारे के कारणों की जांच की जा रही है, लेकिन पक्षियों के मरने की वजह उनका बिल्डिंग से टकराकर नीचे गिरना बताया जा रहा है।
करीब डेढ़ मिलियन पक्षी इधर-उधर आवाजाही करते
शिकागो बर्ड कोलिजन मॉनिटर्स के निदेशक एनेट प्रिंस ने बताया कि बिल्डिंग के आस-पास पक्षी जमीन पर गिरे मिले। इसमें मृत और घायल दोनों तरह के पक्षी शामिल हैं। करीब 1.5 मिलियन पक्षी इधर से उधर आवाजाही कर रहे थे। इनमें से टेनेसी वॉरब्लर्स, हर्मिट थ्रश, अमेरिकन वुडकॉक और अन्य प्रकार के सोंगबर्ड्स के शव बरामद हुए। वेस्टर्न ओन्टारियो यूनिवर्सिटी में पक्षियों के खिड़की टकराकर मरने के विषय पर शोध करने वाले ब्रेंडन सैमुअल्स ने कहा कि खिड़की से टकराने वाला हर पक्षी नहीं मरता।
हर साल एक अरब पक्षी शीशों से टकराकर मर जाते
सैमुअल्स ने कहा कि हम अक्सर पक्षियों को कांच से टकराते हुए देखते हैं। इसके बाद वे कुछ दूरी तक उड़ते रहते हैं, फिर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं और कुछ घंटों तक भी जीवित नहीं रह पाते। ज्यादातर मौतें पतझड़ और बारिश के मौसम में होती हैं। प्रतिकूल हवा, बारिश और कोहरे जैसी मौसमी परिस्थतियां इसका कारण हो सकती हैं। अमेरिकन बर्ड कंजरवेंसी के ब्रायन लेन्ज़ ने कहा कि कांच वाली खिड़कियों से टकराकर हर साल एक अरब पक्षी मर जाते हैं, क्योंकि शीशे में उन्हें अपनी परछाई नजर आती।
इमारतों की आधी लाइटों को बंद करके रोक सकते मौतें
सैमुअल्स के अनुसार, शीशे में जब पक्षियों को अपनी परछाई नजर आती है तो वे अचानक खुद को देखकर घबरा जाते हैं और नीचे गिर जाते हैं। वे इतने नाजुक होते हैं कि संभल नहीं पाते। कुछ पक्षी घायल हो जाते हैं, कुछ मौके पर ही दम तोड़ देते हैं। ऐसे में इमारतों की लाइटें बंद करना पक्षियों की मौतों को कम करने का एक तरीका है। शिकागो में पक्षियों की मौत पर 2021 में किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि बड़ी इमारतों में आधी लाइटें बंद करने से पक्षियों के टकराव को 6 से 11 गुना कम कर सकते हैं।