Alexei Navalny Russia Vladimir Putin’s Most Vocal Critics : मैं अपने दुश्मनों को कभी माफ नहीं करता… यह लाइन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए बिल्कुल सटीक बैठती है। पुतिन के बारे में कहा जाता है कि वे अपने विरोधियों को कभी माफ नहीं करते। इसकी बानगी हमें उनके मुखर आलोचक और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एलेक्सी नवलनी की मौत मामले में फिर देखने को मिली। नवलनी के अलावा भी कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें पुतिन के खिलाफ बगावत और विरोध करने पर अपनी जान गंवानी पड़ी या देश से बाहर रहना पड़ रहा है। आइए, इस बारे में विस्तार से जानते हैं….
एलेक्सी नवलनी (Alexei Navalny)
एलेक्सी नवलनी ने पुतिन के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व किया। वे पुतिन के सबसे बड़े विरोधी के रूप में सामने आए, लेकिन 16 फरवरी को जेल में टहलते हुए रहस्यमयी तरीके से उनकी मौत हो गई। इससे पहले भी नवलनी को कई बार जान से मारने की कोशिश की गई थी। उन्हें साइबेरिया से मास्को जाते समय फ्लाइट में जहर दे दिया गया, जिससे वे कोमा में चले गए। उन्हें बर्लिन ले जाया गया। हालांकि, इसके बाद भी उन्होंने रूस लौटने का फैसला किया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
"I'm not afraid! They can only kill me! — a pensioner who survived the siege of Leningrad spoke out at a rally in memory of Alexei Navalny
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येवगेनी प्रिगोझिन (Yevgeny Prigozhin)
नवलनी से पहले, येवगेनी प्रिगोझिन की पिछले साल अगस्त में एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई। प्रिगोझिन वैगनर ग्रुप के प्रमुख थे। उन्होंने पुतिन के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। उनकी सेना रोस्तोव से मास्को की तरफ बढ़ने लगी थी, जिससे माना जा रहा था कि वे पुतिन के सामने अब तक की सबसे बड़ी चुनौती पेश करेंगे। हालांकि, बाद में बेलारूस के राष्ट्रपति के दखल से विद्रोह शांत हो गया था। वहीं, जब प्रिगोझिन की मौत हुई तो आरोप लगाया गया कि पुतिन ने उनकी हत्या करवाई है, क्योंकि उनके बारे में यह कहावत मशहूर है कि वे अपने दुश्मनों को कभी माफ नहीं करते। हालांकि, क्रेमलिन ने इसे झूठा करार दिया।
#UkraineRussiaWar
'Gremlins from the Kremlin"
Wagner PMC launch a Rap Group 🎶
Tributes also paid to Yevgeny Prigozhin. pic.twitter.com/0UjddU7wcz— Ghost of Yakub (@yaao2014) February 11, 2024
अन्ना पोलितकोवस्काया (Anna Politkovskaya)
व्लादिमीर पुतिन के जन्मदिन पर 7 अक्टूबर 2016 को पत्रकार अन्ना पोलितकोवस्काया की उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। अन्ना ने चेचन्या में मानवाधिकारों के हनन और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनकी मौत के बाद पुतिन पर आरोप लगाया कि उन्होंने मीडिया की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए।
बोरिस नेम्त्सोव (Boris Nemtsov)
बोरिस नेम्त्सोव रूस के पूर्व उप प्रधानमंत्री थे। उन्हें पुतिन का कट्टर आलोचक माना जाता था। वे प्रमुख विपक्षी नेता थे। बोरिस 2015 में यूक्रेन संघर्ष में रूस की भूमिका की जांच करने वाली एक रिपोर्ट पर काम कर रहे थे। हालांकि, रिपोर्ट के पूरी होने से पहले ही उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। उस समय वे अपनी गर्लफ्रेंड के साथ थे। उनकी उम्र 55 साल थी। हत्या का आरोप पुतिन पर लगा, जिसे क्रेमलिन ने सिरे से खारिज कर दिया।
अलेक्जेंडर लिट्विनेंको (Alexander Litvinenko)
अलेक्जेंडर लिट्विनेंको रूसी एफएसबी सुरक्षा सेवा के एक पूर्व एजेंट थे। उन्होंने पुतिन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। इसके साथ ही, उन्हें मॉस्को के एक अपार्टमेंट में हुए बम विस्फोटों के लिए भी दोषी ठहराया था। लिट्विनेंको ने आरोप लगाया था कि इस घटना को पुतिन ने 1999 में दूसरा चेचन युद्ध शुरू करने के लिए एक वजह के रूप में इस्तेमाल किया। इसके बाद, नवंबर 2006 में उनके चाय में जहर मिलाकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया। माना जाता है कि इस हत्या पर खुद पुतिन ने हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, क्रेमलिन ने इससे इनकार किया है।
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रवील मगानोव (Ravil Maganov)
रूस के दूसरे सबसे बड़े तेल उत्पादक लुकोइल के बोर्ड के अध्यक्ष रवील मगनोव ने यूक्रेन में युद्ध की खुले तौर पर आलोचना की थी। इसके बाद, सितंबर में मगनोव की मास्को के सेंट्रल क्लिनिकल अस्पताल में छठी मंजिल की खिड़की से गिरने के बाद मौत हो गई।
पॉल क्लेबनिकोव (Paul Klebnikov)
पॉल क्लेबनिकोव रूसी मूल के अमेरिकी खोजी पत्रकार थे। उनकी 2004 में मास्को में ऑफिस के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। वह फोर्ब्स रूस के संपादक थे। उन्होंने भ्रष्टाचार के बारे में लिखा था।
नतालिया एस्टेमिरोवा (Natalia Estemirova)
नतालिया एस्टेमिरोवा एक पुरस्कार विजेता मानवाधिकार प्रचारक थीं। उन्होंने 1999 में चेचन्या में दूसरे युद्ध की शुरुआत के बाद से दुर्व्यवहार के सबूत एकत्र किए थे। कुछ सालों बाद, 15 जुलाई 2009 को उनका अपहरण कर लिया गया। बाद में, उनका शव जंगल में पाया गया। उनके सिर और छाती पर गोलियों के घाव थे।
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