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क्यों तालिबान नेताओं के खिलाफ बार-बार जारी हो रहा वारंट? ICC उठा सकता है ये बड़ा कदम

ICC on Taliban Supreme Leaders: इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने एक बार फिर से तालिबान के बड़े नेताओं के खिलाफ एक्शन लिया है। तालिबान के नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा और अब्दुल हकीम हक्कानी के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया है। यह पहली बार नहीं है, जब उनके खिलाफ यह एक्शन लिया गया है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shabnaz Updated: Jul 9, 2025 09:40
Afghanistan ICC arrest Warrant on Taliban Supreme Leaders
Photo Credit- X

ICC on Taliban Supreme Leaders: अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता आने के बाद से महिलाओं को लेकर कई मुद्दे सामने आए। लंबे समय के बाद साल 2021 में तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हुआ। इसके बाद से वहां के नियम बदल गए। महिलाओं के उत्पीड़न की कई रिपोर्ट्स समय-समय पर सामने आती रही हैं। अपनी जांच के बाद इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने तालिबान के नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा और अफगान नेता अब्दुल हकीम हक्कानी के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया। यह वारेंट महिलाओं पर हुए अत्याचार के लिए जारी हुआ। एक बार फिर से दोनों नेताओं के खिलाफ वारंट जारी किया गया है।

अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता

अफगानिस्तान में तालिबान ने 1996 से 2001 तक राज किया, जिसके बाद उनके हाथ से सत्ता निकल गई। लंबे संघर्ष के बाद उन्होंने फिर से अफगानिस्तान में 2021 में सत्ता पर कब्जा जमाया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तालिबान ने सत्ता हासिल करने से पहले अमेरिका से एक शांति समझौते के लिए बात की। इसी के साथ तालिबान का काम शुरू हो गया। तालिबान ने अपना दबदबा बनाने के लिए कई जगह पर हमले किए। हुआ भी कुछ ऐसा ही, इन हमलों के बाद अफगानिस्तान की जनता में तालिबान को लेकर एक खौफ बैठ गया। कुछ महीने बाद ही अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बन गई।

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महिलाओं की स्थिति

रिपोर्ट्स सामने आई कि 1996 से 2001 के बीच अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं थी। उन पर कई तरह की पाबंदियां लगाई गईं। इस दौर में महिलाओं को हाई हील की चप्पल तक पहनने को लेकर आदेश जारी कर दिया गया था। साथ ही उनको घर पर रहने के ही निर्देश दिए गए। जिसमें कहा गया कि अगर बहुत जरूरी होगा, तभी वह बाहर निकल सकती हैं, उसके लिए भी वह खुद को पूरी तरह से कवर करेंगी। जिससे उन्हें कोई देख न सके। इसके चलते महिलाओं को नौकरी तक छोड़नी पड़ी, साथ ही महिलाओं के दर्जियों के लिए भी आदेश जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि वह महिलाओं के कपड़े सिलने के लिए उनका नाप नहीं ले सकते हैं। पढ़ाई, नौकरी और आजादी छिनने के बाद महिलाओं की स्थिति खराब होती चली गई।

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अरेस्ट वारेंट जारी

2021 में फिर से तालिबान की सत्ता आने के बाद से ही इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट एक्टिव हो गया था, क्योंकि सत्ता में आने के बाद तालिबान ने बच्चियों की शिक्षा पर पाबंदी लगा दी। इसको देखते हुए ICC ने जनवरी 2025 में तालिबान के नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा और अब्दुल हकीम हक्कानी के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया। उन पर अफगानिस्तान की महिलाओं पर ज्यादती करने का इल्जाम था।

2025 में एक बार फिर से ICC ने दोनों के खिलाफ वारंट जारी किया है। इस बार भी वहीं पुराना महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का मामला है। इन्होंने पिछले 4 सालों में महिलाओं को अनके अधिकारों से वंचित रखा है।

ICC क्या कदम उठा सकता है?

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का काम संगीन अपराधों की जांच करना है। कोर्ट ऐसे लोगों के खिलाफ जांच करता है, जो किसी भी गंभीर अपराधों में शामिल हों। इस दौरान, उन पर केस चलाया जाता है। तालिबान के नेताओं के खिलाफ भी अधिकारों के हनन का आरोप है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ICC के पास कोई भी फोर्स नहीं होती है, लेकिन उसके केस में गिरफ्तारी के लिए सदस्य देश मदद करते हैं। जिस के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट निकला है वह किसी भी सदस्य देश में सफर नहीं कर सकता है। इसकी वजह यह है कि वहां से वह गिरफ्तार किया जा सकता है।

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First published on: Jul 09, 2025 09:40 AM

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