Child Lost in Forest : आठ साल का बच्चा रास्ता भटककर खतरनाक जानवरों के बीच जंगल में पहुंच गया। जंगल में कई खतरनाक जानवर थे, जिनसे बच्चे को सबसे अधिक खतरा था। बच्चे के गायब होने के बाद लगातार उसकी खोज की जा रही थी। वह घर से 28 किमी दूर बच्चा जिस हालत में मिला, उसे लोग चमत्कार कह रहे हैं।
क्या है पूरा मामला?
जिम्बाब्वे की सांसद मुत्सा मुरोम्बेजी ने 1 जनवरी को सोशल मीडिया पर एक बच्चे की फोटो शेयर कर बताया कि वह जंगल में भटकने के बाद सुरक्षित वापस लौट आया। उन्होंने इसे चमत्कार कहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उन्होंने लिखा कि एक लड़का लापता था और माटुसाडोन्हा गेम पार्क में पाया गया है। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।
उन्होंने लिखा कि एक लड़का गुम हुआ और माटुसाडोन्हा गेम पार्क में मिला। 8 साल का टिनोटेंडा पुडू भटक गया और अनजाने में खतरनाक माटुसाडोन्हा गेम पार्क में चला गया। होगवे नदी के पास जंगल में 5 कष्टदायक दिनों तक संघर्ष करता रहा। इसके बाद लड़के को माटुसाडोना अफ्रीका पार्क के अविश्वसनीय रेंजरों ने जीवित पाया है। घर से 23 किमी दूर भटकना, चट्टानी बसरे पर सोना, दहाड़ते शेरों के बीच, गुजरते हाथियों, जंगली फल खाकर वह जीवित रहा। ये पांच दिन एक 8 साल के बच्चे के लिए बहुत ज्यादा था।
💫 A boy missing & found in Matusadonha game park
---विज्ञापन---A true miracle in remote Kasvisva community, Nyaminyami in rural Kariba, a community where one wrong turn could easily lead into a game park. 8-year-old Tinotenda Pudu wandered away, lost direction & unknowingly headed into the… pic.twitter.com/z19BLffTZW
— Mutsa Murombedzi MP🇿🇼 (@mutsamu) January 1, 2025
मुत्सा मुरोम्बेजी ने आगे लिखा कि हम बहादुर पार्क रेंजरों के प्रति आभार से व्यक्त करते हैं। हम टिनोटेंडा को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए ईश्वर का धन्यवाद करते हैं। यह एकता, आशा, प्रार्थना और कभी हार न मानने की शक्ति का प्रमाण है।
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बच्चे के गायब होने के बाद खोज अभियान शुरू किया गया था। स्थानीय लोग टिनोटेंडा को खोजने के लिए हर दिन ढोल बजाते थे कि बच्चा आवाजें सुन लेगा और फिर वह उसी के सहारे किनारे की तरफ आ जाएगा। पांचवें दिन टिनोटेंडा ने पार्क रेंजर की गाड़ी की आवाज सुनी। तब वह गाड़ी की तरफ आया लेकिन उसे गाड़ी नहीं दिखी। हालांकि रेंजर्स को इंसानी पैरों के निशान दिखाई दिए। इन्हीं पैरों के निशान को देखते हुए बच्चे का पीछा किया गया और फिर उसे खोज निकाला गया।