1972 Iran Blizzard: ईरान में 1972 में आया बर्फीला तूफान इतिहास के पन्नों में सबसे घातक बर्फीले तूफान के रूप में दर्ज है। इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्द है। यह बर्फीला तूफान 3 फरवरी से लेकर 9 फरवरी तक रहा, जिसकी वजह से 4000 से अधिक लोगों की मौत हो गई। यह तूफान 4 साल के सूखे के बाद आया था। तूफान की वजह से ईरान के उत्तर-पश्चिमी, मध्य और दक्षिणी हिस्से में 7.9 मीटर यानी 25 फीट 11 इंच बर्फ गिरी।
The 1972 Iran blizzard stands as one of the worst blizzards ever recorded. It claimed the lives of more than 4,000 individuals due to frigid temperatures and relentless snowstorms that persisted for over a week. This catastrophic event followed a four-year drought, exacerbating… pic.twitter.com/LNHr4cbiGS
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बर्फीले तूफान ने ईरान में जमकर मचाई तबाही
मिली जानकारी के मुताबिक, बर्फीले तूफान ने ईरान में जमकर तबाही मचाई। इस दौरान पेड़ और बिजली की लाइनें टूट गईं। रेल, सड़क और कई गांव बर्फ में दफन हो गए। एक हफ्ते तक ईरान बर्फीले तूफान की चपेट में रहा। कुछ लोगों का मानना है कि 200 गांव इस बर्फ के नीचे दब गए।
शाक्लाबाद गांव के सभी 100 लोगों की मौत
बर्फीले तूफान से अर्दकन शहर और दूरदराज के गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए। कक्कन या कुमार में कोई भी शख्स जिंदा नहीं बचा। उत्तर पश्चिम हिस्से में तुर्किये की सीमा के पास 11 फरवरी को आए एक और बर्फीले तूफान में शाक्लाबाद गांव में सभी 100 लोग बर्फ के नीचे दफन हो गए।
February 3, 1972 — The first day of the seven-day 1972 Iran blizzard, which would kill at least 4,000 people, making it the deadliest snowstorm in history
— History Calendar (@historycalendar) February 3, 2023
एक सप्ताह तक बर्फ के नीचे रहा ईरान का पश्चिमी हिस्सा
बताया जाता है कि एक सप्ताह तक ईरान का पश्चिमी हिस्सा बर्फ के नीचे रहा। भोजन और दवाओं की आपूर्ति समाप्त हो गई। तापमान माइनस 25 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। इस तूफान से करीब 20 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ। बर्फीले तूफान के बाद जब सर्दियों का मौसम आया तो ईरान के ग्रामीण इलाकों में फ्लू महामारी फैल गई। इस महामारी से पहले भी कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
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अजरबैजान के सैकड़ों गांवों का संपर्क टूटा
बर्फीले तूफान से अजरबैजान के सैकड़ों गांवों का संपर्क टूट गया। करीब 20 बसें हेरान पर्वत दर्रे के दोनों किनारों पर फंस गईं। इसी दर्रे में 30 यात्रियों के ले जा रही एक बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिससे उसमें सवार सभी यात्रियों की मौत हो गई।
तूफान में फंसे यात्री और ड्राइवर
बर्फीले तूफान में सैकड़ों यात्री और ड्राइवर सड़कों पर फंस गए। ट्रेनों को भी बंद कर दिया गया। तूफान की वजह से 15 शहरों में स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी गई। जब तूफान शांत हुआ तो 9 फरवरी को बचावकर्मी प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचे। यहां उन्हें बर्फ के नीचे 18 लाशें मिलीं।
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