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Vote For Note Case: सुप्रीम कोर्ट ने पलटा पुराना फैसला, समझिए आखिर क्या है पूरा मामला?

Vote For Note Case History: वोट फॉर नोट केस में नया फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपना ही पुराना फैसला पलट दिया है, जिससे सांसदों और विधायकों को बड़ा झटका लगेगा। सबसे ज्यादा प्रभाव झारखंड मुक्ति मोर्चा की एक महिला नेता पर पड़ेगा। आइए जानते हैं कि आखिर वोट फॉर नोट क्या है?

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Mar 4, 2024 11:39
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आचार्य बालकृष्ण की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है।

Vote For Note Case History: वोट फॉर नोट केस में सुप्रीम कोर्ट ने अपना ही पुराना फैसला पलट दिया है। पुराना फैसला 1998 में दिया गया था, जिसे अब बदलते हुए सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों और सांसदों को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि अब वोट के बदले पैसे लिए तो सांसदों-विधायकों की खैर नहीं। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

केस में फैसला 7 सदस्यीय पीठ ने सुनाया, जिसकी अध्यक्षता चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूढ़ कर रहे हैं। वहीं इस फैसले से सबसे ज्यादा झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की नेता सीता सोरेन प्रभावित होगी। उन्होंने राज्यसभा चुनाव 2012 में विधायक पद पर रहते हुए सुप्रीम कोर्ट से पैसे लेकर वोट डालने के मामले में राहत देने की अपील की थी। न्यूज24 के रिपोर्टर मानव मिश्रा से समझिए आखिर क्या है पूरा मामला?

First published on: Mar 04, 2024 11:30 AM

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