Shivling Ki Parikrama Ka Niyam: भगवान शिव को समर्पित सावन का पवित्र व पावन महीना चल रहा है। इस दौरान महादेव को खुश करने के लिए शिवलिंग की पूजा की जाती है, जो कि भगवान शिव के निराकार रूप हैं। शिवलिंग की पूजा करने से भक्तों को शिव जी की पूजा के समान ही फल मिलता है। शिव पुराण के अनुसार, सबसे पहले भगवान गणेश फिर देवी पार्वती और फिर नंदी महाराज की पूजा की जाती है। अंत में भगवान शिव की निराकार रूप यानी शिवलिंग के रूप में पूजा होती है। सबसे पहले शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है, जिसके बाद चंदन, बेलपत्र, फूल, घी, दही और अक्षत आदि पूजा सामग्री चढ़ाई जाती है। इस दौरान निरंतर मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए।
हालांकि पूजा का समापन शिवलिंग की परिक्रमा के साथ होता है, जिससे जुड़े कई नियम हैं। यदि व्यक्ति गलत दिशा और तरीके से परिक्रमा करता है तो उसका अशुभ प्रभाव उसके शरीर पर पड़ता है। यदि आप जानना चाहते हैं कि शिवलिंग की परिक्रमा किस दिशा और कैसे करनी चाहिए तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।
ये भी पढ़ें- Ho’oponopono Prayer क्या है? जानें 4 लाइनों से कैसे पूरी हो सकती है कोई भी इच्छा
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।