Madhabi Puri Buch Vs Hindenburg News: माधबी बुच और हिंडनबर्ग के बीच का मामला सिर्फ दो लोगों के बीच का मामला नहीं है। माधबी बुच सेबी की चेयरमैन हैं और सेबी एक नियामक संस्था है, जो करोड़ों निवेशकों के हितों की रखवाली करती है। सेबी के ऊपर सिक्योरिटी की भी जिम्मेदारी है और उसे बाजार पर भी नियंत्रण रखना है।
ऐसी स्थिति में सिर्फ माधबी को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आए और उसके बाद सेबी की चेयरमैन अपनी पर्सनल कैपेसिटी में उसका सफाई दें और आरोपों से अपने पल्ला झाड़ लें या कहें कि रिपोर्ट दुर्भावनापूर्ण है।
हालांकि ये भी बात सच है कि हिंडनबर्ग को अभी सेबी ने कुछ ही दिन पहले नोटिस दिया है। उस नोटिस में सेबी के पास बहुत अधिक अधिकार हैं, जिसमें हिंडनबर्ग के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। लेकिन बावजूद इसके कोई आरोप लगता है तो इसमें सरकार की भूमिका क्या है? सरकार की स्थिति क्या है? पहली बार भी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई थी तो वित्त मंत्री और वित्त मंत्रालय की तरफ से कोई बात सामने नहीं आई। पूरी जानकारी के लिए देखिए ये वीडियो